भाइयों की रार से खिसकने लगा बसपा का ब्राह्मïण वोट बैंक, जानिये क्या है वजह
सोशल इंजीनियङ्क्षरग से सत्ता तक पहुंची बसपा के लिए चुनौती। लोकसभा चुनाव में दिखाई देगा परिवार की खटास का असर।
आगरा, जेएनएन: सोशल इंजीनियङ्क्षरग से सत्ता तक पहुंची बसपा के लिए ब्राह्मïण वोट बैंक को साधना चुनौती बन गया है। पार्टी से निष्कासित मुकुल उपाध्याय आगरा-अलीगढ़ मंडल में समर्थकों के साथ बैठक कर रहे हैं। उनके समर्थन में बसपा का ब्राह्मïण वोट बैंक खिसकने लगा है।
लोकसभा चुनाव से पहले बसपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी में ब्राह्मïण समाज को जोडऩे वाले पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय और उनके भाई मुकुल उपाध्याय ने रास्ते बदल लिए हैं। बसपा से निष्कासित किए जाने पर अपने भाई पर आरोप लगाने के साथ वे बसपा के ब्राह्मïण वोट बैंक में सेंध लगा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में फतेहपुर सीकरी सीट से दावेदारी कर रहीं सीमा उपाध्याय के लिए भी मुश्किल खड़ी हो सकती है। दोनों की रार का असर आगरा और अलीगढ़ मंडल के समाज के बसपा कार्यकर्ताओं पर दिखाई देगा।
कमल दल के साथ आगरा में बड़ी सभा
मुकुल उपाध्याय जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए उनकी भाजपा नेताओं से कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। पार्टी की सदस्यता लखनऊ में लेने की बात चल रही है। इसके बाद मुकुल समर्थकों के साथ आगरा में बड़ी सभा करेंगे। ताकि पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय को ताकत दिखा सकें।