पर्यटन निदेशालय ने बनाया रिवाइवल और बेल-आउट प्लान, मिली मंजूरी तो होगी ताजनगरी की ये आस पूरी
पर्यटन निदेशालय ने बनाया पर्यटन उद्योग के लिए रिवाइवल और बेल-आउट प्लान। प्लान में पर्यटन उद्यमियों द्वारा वेबिनार में उठाई गई मांगों को किया शामिल।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुए लॉक डाउन में पर्यटन उद्योग ठहर गया है। करीब दो माह से उद्योग तालाबंदी का शिकार है और लॉक डाउन का सबसे अधिक प्रभाव उस पर पड़ा है। पर्यटन उद्यमियों के साथ वेबिनार कर पर्यटन निदेशालय, लखनऊ ने उद्योग के लिए रिवाइवल और बेल-आउट प्लान बनाया है। महानिदेशक पर्यटन ने प्लान को मुख्य सचिव उप्र को भेजा है और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कराने की मांग की है, जिससे कि इस संकट का पर्यटन उद्योग सामना कर सके। प्लान में केंद्र व राज्य सरकार से पर्यटन संस्थाओं की अपेक्षाओं को शामिल किया गया है:
राज्य सरकार से अपेक्षाएं
-पर्यटन उद्योग को वित्तीय संकट से उबारने को बेल-आउट पैकेज दिया जाए। होटल, रिजोर्ट, रेस्टोरेंट एवं टूर ऑपरेटर के 50 फीसद कर्मचारियों को उनके वेतन का 50 फीसद प्रदेश सरकार इस शर्त पर दे कि वो किसी कर्मचारी को निकालेंगे नहीं।
-पर्यटन नीति, 2018 में बदलाव करते हुए कांप्रिहेंसिव मास्टर पॉलिसी बने, जिससे कि अप्रत्याशित महामारी, दुर्घटना, दैवीय आपदा से निपटा जा सके।
-पर्यटन को उद्योग के दर्जे के अनुरूप इसके क्रियाशील पक्ष को अधिक प्रभावी बनाया जाए।
-निवेशकों के साथ नए सिरे से वार्ता की जाए। अनुमति को सिंगल विंडो सिस्टम हो और भूमि विकास शुल्क से मुक्ति मिले।
-कर्मचारियों के पीएफ में कर्मचारियों के योगदान की राशि दिसंबर, 2020 तक प्रदेश सरकार भरे।
-पर्यटन इकाइयों को बिजली बिल में दिसंबर, 2020 तक 25 फीसद छूट मिले। पर्यटन विभाग सब्सिडी या वायबिलिटी गैप फंडिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करे।
-एसजीएसटी से दिसंबर, 2020 तक पर्यटन उद्योग व उससे संबंधित गतिविधियों को मुक्त रखा जाए।
-प्रोपर्टी टैक्स पर मार्च, 2021 तक 50 फीसद छूट मिले।
-होटल एवं रेस्टोरेंट में बार लाइसेंस के टैक्स पर दिसंबर, 2020 तक छूट मिले।
-पंजीकृत गाइडों को दिसंबर, 2020 तक प्रतिपूरक धनराशि दी जाए।
-पर्यटक वाहनों या लग्जरी बसों को रोड टैक्स एवं टोल टैक्स में दिसंबर 2020 तक छूट दी जाए।
-लॉक डाउन के बाद पर्यटन स्थलों, स्मारकों, तीर्थों को खोलने व बरती जाने वाली एहतियात को सरकार गाइडलाइन जारी करे।
-लॉक डाउन के बाद होटल, रिजोर्ट, रेस्टोरेंट, टूर एजेंसी, एडवेंजर स्पोर्ट, एंपोरियम आदि के संचालन को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया जाए।
केंद्र सरकार से अपेक्षा
-मार्च, 2021 तक कार्यकारी पूंजी, ब्याज, ऋण व ओवरड्राफ्ट आदि पर मोरेटोरियम लगाया जाए, जिससे लिक्विडिटी बनी रहे। ब्याज रहित व सरल शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराए जाएं।
-पर्यटन उद्यमियों द्वारा पूर्व में लिए गए ऋणों के ऊपर ब्याज में कम से कम तीन फीसद की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
-बैंकिंग एवं नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं से पर्यटन उद्यमियों द्वारा लिए गए ऋण पर ईएमआइ को दिसंबर, 2020 तक स्थगित रखा जाए। इसमें विलंब पर पेनल्टी या अतिरिक्त ब्याज की वसूली नहीं हो।
-पर्यटन उद्योग से संबंधित गतिविधियों पर मार्च, 2021 तक सीजीएसटी को माफ किया जाए।
-सभी प्रकार के अग्रिम कर भुगतान को मार्च, 2021 तक स्थगित कर दिया जाए। आवश्यक लाइसेंस, फीस, परमिट एवं रिनूवल को मार्च, 2021 तक सभी शुल्क को माफ किया जाए।
-पूर्व निर्धारित निरस्त हुए कार्यक्रमों पर लगने वाले सभी टैक्स रिफंड किए जाएं।
-भारत सरकार के वित्तीय बिल, 2020 में एक अप्रैल से प्रस्तावित टीसीएस को लागू नहीं किया जाए।
-लॉक डाउन के कारण हवाई यात्रा एवं रेल यात्रा के लिए किए गए रिजर्वेशन पर कैंसिलेशन चार्ज नहीं लिया जाए। बुकिंग निरस्त करने पर पूर्ण धनराशि वापस की जाए।
-पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले होटल, रेस्टोरेंट, एंपाेरियम को आयकर में छूट मिले।