Move to Jagran APP

कथक संस्थान की दूसरी बार सदस्य बनीं आगरा की डॉ नीलू शर्मा, कलाकारों के हित की रखीं ये मांगें

डीआई की प्रोफेसर डॉ. नीलू शर्मा ने कथक संस्थान की दूसरी बार सदस्य बनते ही शुरू किया काम। उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा कलाकारों को लाभान्वित करने के शुरू किये प्रयास। राष्ट्रीय कथक संस्थान में नवीन योजनाओं एवं आवश्यकताओं के क्रियान्वयन हेतु संस्कृति मंत्री को दिया अनुरोध पत्र।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 04:37 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 04:37 PM (IST)
कथक संस्थान की दूसरी बार सदस्य बनीं आगरा की डॉ नीलू शर्मा, कलाकारों के हित की रखीं ये मांगें
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी काे बुके देतीं डॉ. नीलू शर्मा।

आगरा, जागरण संवाददाता। डीआई की प्रोफेसर और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित तबला वादक प्रोफेसर डॉ नीलू शर्मा ने प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा नामित राष्ट्रीय कथक संस्थान लखनऊ की दूसरी बार सदस्य बनने के बाद भारतीय संगीत और कलाकारों के हित में कार्य करना तेजी से शुरू कर दिया है।इस क्रम में जब विगत दिवस वे पर्यटन विभाग, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित बैठक में भाग लेने गईं तो उन्होंने समारोह के मुख्य अतिथि एवं उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी को राष्ट्रीय कथक संस्थान लखनऊ में नवीन योजनाओं एवं आवश्यकताओं के क्रियान्वयन हेतु अनुरोध पत्र सौंपा। उनके साथ कथक संस्थान के सदस्य डॉ. श्रीकांत शुक्ला और शिखा खरे मौजूद रहीं।

loksabha election banner

आगरा लौटकर उन्होंने बताया कि इस पत्र का उद्देश्य ऐसी नवीन योजनाओं का क्रियान्वयन करवाना है जिनसे राष्ट्रीय कथक संस्थान द्वारा संपूर्ण उत्तर प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा कलाकार लाभान्वित हो सकें और संस्थान से संबंधित अन्य विधाओं के कलाकारों को भी यहां की योजनाओं का लाभ मिल सके।

यह रखी मांगें

− लखनऊ की तर्ज पर संस्थान की विभिन्न गतिविधियां प्रदेश के अन्य शहरों में भी आयोजित की जाएं।

− संस्थान द्वारा आयोजित मासिक बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रतिभाशाली युवा कलाकारों को भी अवसर दिया जाए।

− कथक नृत्य के साथ-साथ गायन, तबला एवं पखावज के आयोजनों को भी संस्थान में शामिल किया जाए।

− वर्तमान काल में संस्थान द्वारा वेबीनार का आयोजन हो, जिससे संपूर्ण देश में कला जगत से जुड़े लोगों - विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर कलाकारों को भी सरकार की शैक्षिक गतिविधि से लाभ मिल सके।

−ऑफलाइन सेमिनार का भी आयोजन हो जिसकी सूचना संपूर्ण प्रदेश के निजी एवं शैक्षणिक संस्थानों को दी जाए। इस हेतु निर्धारित मानदेय भी नियमानुसार प्रतिभागियों को प्रदान किया जाए।

− संस्थान द्वारा यशस्वी प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की स्मृति में प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान किया जाए की जाए।

− प्रदेश के अन्य जिलों में भी संस्कृति विभाग के कार्यालय स्थापित हों, जिससे इन जिलों के कलाकार स्थानीय स्तर पर संपर्क स्थापित करके सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ

उठा सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.