Fatehpur Sikri: बदलेगी सूरत, कान्हा की नगरी जैसी बनेगी सीरत, ये रहेगा खास
Fatehpur Sikri वृंदावन की तर्ज करेंगे फतेहपुर सीकरी का विकास। राज्यमंत्री उदयभान चौधरी ने तैयार की योजना। प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार के साथ की बैठक।
आगरा, जागरण संवाददाता। फतेहपुर सीकरी विधान सभा क्षेत्र के समग्र विकास की राह बनती दिख रही है। इलाके में राजस्थान बार्डर वाले क्षेत्र तक का विकास वृंदावन की तर्ज पर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से कराने की शासन की मंशा है। यह कहना है राज्यमंत्री चौ. उदय भान सिंह का।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सैद्धांतिक स्वीकृति लेकर राज्यमंत्री चौ. उदयभान सिंह ने प्रमुख सचिव पर्यटन जितेंद्र कुमार के साथ बैठक की। इसमें पूरे क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर चर्चा कर रुपरेखा तैयार की। राज्यमंत्री ने बताया कि क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां धार्मिक और एतिहासिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।
बैठक के मुख्य बिंदु
- एतिहासिक खानवा का मैदान वीर राणा सांगा व बाबर के मध्य हुए युद्ध का गवाह रहा है। विधानसभा की सिरौली, ग्राम-सामपा से लगा यह मैदान है।
- महाराजा सूरजमल ने भी यहीं ब्रिटिश हुकूमत के छक्के छुड़ाए थे।
- वीर गोकुल सिंह (गोकुला जाट) का इतिहास भी जुड़ा है। ग्राम सभा सीकरी चार हिस्सा में भूमि खाली पड़ी है, जो खतौनी में उद्यान के रूप में दर्ज है।
- महाराजा सूरजमल और वीर गोकुला जाट के स्मारक बनें। क्षेत्र का सुंदरीकरण हो।
- अकबर के नवरत्न राजा टोडरमल के महल, बारहदरी का समुचित विकास हो। रेलवे हॉल्ट स्टेशन व पर्यटन आधारित बाजार विकसित हो।
- राजा टोडरमल की बारहदरी के सुंदरीकरण हो।
- केंद्रीय विद्यालय, आइटीआइ और कन्या महाविद्यालय की स्थापना हो।
- बुलंद दरवाजा के पास उपलब्ध भूमि का सुंदरीकरण हो।
- राष्ट्रीय राजमार्ग-दो स्थित रुनकता बाजार (रेणुका धाम) की रिक्त भूमि का सुंदरीकरण हो।
- रुनकता क्षेत्र में यमुना उल्टी मुड़कर बहती है, महाभारत काल में पांडवों के अज्ञातवास से जुड़ा है।
- प्राथमिक विद्यालय गुड़ की मंडी के पास सिंचाई विभाग, रेलवे व वन भूमि उपलब्ध है।
- सिंचाई विभाग के पुराने जर्जर डाक बंगले व तेहरमोरी बांध का जीर्णोद्धार हो।
- आगरा-जयपुर रोड पर निष्प्रयोज्य पड़ी करीब 80 बीघा भूमि का प्रयोग संभव है।
- राजस्थान के रूपवास (राणा सांगा से जुड़ा) का विकास, किरावली तहसील की 70 एकड़ भूमि से संबंधित कार्य संभव है। - गांव बेमन में गंगाराम पटेल और बुलाकीदास नाई की कर्मस्थली व संबंधित भवन जीर्ण-शीर्ण पड़े हैं।
- मंडी गुड़ ग्राम सभा पं. दीनदयाल उपाध्याय से जुड़ी कक्षाओं का सुंदरीकरण कर स्मारक बनाया जाए।
- गांव सींगना का श्रृंग ऋषि से जुड़ा एतिहासिक महत्व है, गांव हसेली में सौ एकड़ में कुदरती झील है, जिसे पक्षी बिहार के रूप में विकसित किया जा सकता है।
- गांव सामरा में हनुमान बाबा ताल को सुंदरीकरण की जरुरत है।
- चार हिस्सा में हथकरघा की पुरानी फैक्ट्री है, जिसे पुनर्जीवित करके रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सकते हैं।
- गुड़ की मंडी के पास पिकनिक स्पाट विकसित किया जाना संभव है।
- 1100 एकड़ अधिग्रहित हुई, लेकिन तकनीकी कारणों से लेदर पार्क विकसित नहीं हो सका, इसका सद्उपयोग हो।