Ambedkar University Agra: अच्छी है खबर, समाज विज्ञान संस्थान में खुलेंगे अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र विभाग
Ambedkar University Agra चार्टों का किया जाएगा डिजिटलाइजेश। विधि विभाग होगा स्थापित- विद्या परिषद की बैठक में प्रस्तावों पर हुआ अनुमोदन। 26 सितंबर को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि संस्थान के 1995 के अधिनियम में तीन विषयों के विभागों का प्रावधान था।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संस्थान में अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र विभाग खोले जाएंगे। यह फैसला बुधवार को विद्या परिषद की बैठक में लिया गया। बैठक में चार्टों को स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रखने पर भी फैसला लिया गया।
2010 में भी रखा गया था प्रस्ताव
समाज विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. दिवाकर खरे ने विगत 26 सितंबर को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि संस्थान के 1995 के अधिनियम में तीन विषयों के विभागों का प्रावधान था। यह तीन विषय अर्थशास्त्र(सांख्यिकी के साथ), समाजशास्त्र व राजनीति शास्त्र हैं। प्रो. खरे ने बताया कि 2010 में कार्य परिषद की बैठक में भी इन विभागों को खोलने का प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर कार्य परिषद ने कहा था कि इस प्रस्ताव को अन्य परिषदों से पारित कराकर प्रस्तुत किया जाए। विद्या परिषद के सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। प्रतिवेदन के अनुसार इन विभागों के लिए क्रमश: एक प्रोफेसर, एक रीडर और तीन लेक्चरर नियुक्त किए जाएंगे।
डिग्री समस्या के लिए चार्टों का होगा डिजिटलाइजेशन
विश्वविद्यालय में सालों से लंबित डिग्री और अंकतालिकओं की समस्या के समाधान के लिए चार्टों को स्कैन कर डिजिटल रूम में सुरक्षित रखने पर फैसला हुआ।इससे चार्टों में छेड़छाड़ नहीं हो पाएगी और छात्रों को भी परेशानी नहीं होगी।
विधि विभाग की होगी स्थापना
विश्वविद्यालय में आवासीय इकाई के अंतर्गत विधि विभाग की स्थापना की जाएगी। यहां दो वर्षीय एलएलएम, एक वर्षीय एलएलएम, परास्नातक डिप्लोमा, दस सेमेस्टर का बीएएलएलबी अानर्स का पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। आनर्स पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने से पूर्व बार काउंसिल ऑफ इंडिया से उसका अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।
चुन सकेंगे तीन विषय
स्नातक के अंतिम वर्ष में छात्र तीन विषयों का चयन कर सकेंगे।परीक्षा समिति के इस निर्णय पर विद्या परिषद ने मोहर लगाई। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से ही छात्र दो विषयों के दो प्रश्न पत्रों में पुनः परीक्षा दे सकेंगे। इस निर्णय पर भी विद्या परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया।अानलाइन होंगे वायवाबैठक में एमफिल और पीएचडी के आनलाइन मौखिकी कराने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके साथ ही फार्मेसी विभाग को छलेसर कैंपस के नए भवन में स्थानांतरित करने पर भी फैसला लिया गया। फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष डा. तिवारी ने बताया कि विभाग में डीपीटी और बीपी दो नए पाठ्यक्रम खोलने की तैयारी है।अब तक विभाग को चार करोड़ रुपये की आय हो चुकी है। एसएन मेडिकल कॉलेज में बैचलर ऑफ ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी नाम का नया पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए विद्या परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया।
नहीं भरना होगा बार-बार फार्म
फुफुक्ता के अध्यक्ष डा. वीरेंद्र चौहान ने मुद्दा उठाया कि महाविद्यालयों के शिक्षकों से पीएचडी के निर्देशक बनने के लिए बार-बार फॉर्म भरवाया जाता है,जो वरिष्ठ शिक्षक अपने निर्देशन में 25 से 30 छात्रों को पीएचडी करा चुके हैं उनसे बार-बार फार्म भरवाया जाना उचित नहीं है। इस पर कुलपति ने उन्हें आश्वसन दिया कि यह प्रक्रिया भविष्य में नहीं होगी। महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों से बार-बार फार्म नहीं भरवाए जाएंगे और न ही किसी प्रकार का बायोडाटा मांगा जाएगा। जो नए शिक्षक निर्देशक बनना चाहते हैं उन्हीं से फॉर्म भरवाया जाएगा और उनकी स्वीकृति ली जाएगी। पुराने शिक्षकों से केवल यह सूचना मांगी जाएगी कि वह अपने निर्देशन में कितने शोधार्थियों को शोध कार्य कराना चाहते हैं।
कई संस्तुतियों पर हुए अनुमोदन
बुधवार को हुई बैठक में 26 जून को हुई विद्या परिषद की बैठक की कार्यवृत्त की संपुषि्ट की गई। इसके साथ ही प्रवेश समिति , संकाय अध्यक्षों की बैठक, विभागाध्यक्षों की बैठकों में हुई संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया।यह रहे उपसि्थतकुलसचिव डा. अंजनी कुमार मिश्रा, वित्त अधिकारी एके सिंह, सहायक कुलसचिव अजय कुमार गौतम,प्रो. यूसी शर्मा,प्रो. विनीता सिंह, प्रो. प्रदीप श्रीधर, डा. वीरेंद्र चौहान, प्रो. बृजेश रावत,प्रो. हेमा पाठक, प्रो. मीनाक्षी श्रीवास्तव, प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. लवकुश मिश्रा आदि।
विभागों की कर दी भ्रूण हत्या
आपने विभागों के शुरू होने से पहले ही उनकी भ्रूण हत्या कर दी। मैं एेसे किसी समाज विज्ञान संस्थान की कल्पना नहीं कर सकता जहां अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र जैसे विषयों के विभाग ही न हों। यह कहना था कुलपति प्रो. अशोक मित्तल का। विद्या परिषद की बैठक में समाज विज्ञान संस्थान के प्रो. मोहम्मद अरशद व प्रो. मीनाक्षी श्रीवास्तव द्वारा विभागों को खोलने के विरोध में कुलपति ने कड़े शब्दों में उनके विरोध का विरोध किया।गुस्से में कुलपति ने कहा कि पिछले कई सालों से संस्थान में पदों का अतिक्रमण हुआ है। कुलपति ने कहा कि अभी केवल इस विषयों के विभागों को प्रारंभ करने का प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ है, जिसे हामी मिली है। शेष प्रक्रियाएं समयबद्ध रूप से पूर्ण की जाएंगी।