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TajMahal खुलने से बढ़ रही आगरा के पेठे की मिठास, दो सप्ताह में 40 फीसद बढ़ी मांग

पर्यटकों की संख्या बढ़ने से पेठा कारोबारी के चेहरे खिलखिलाए। ताजमहल समेत अन्य स्मारक खुलने से बढे़गी पेठे की मांग। पेठा कारोबारियों के अनुसार आगरा में पूरे साल में पेठा का करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 01:53 PM (IST)
TajMahal खुलने से बढ़ रही आगरा के पेठे की मिठास, दो सप्ताह में 40 फीसद बढ़ी मांग
ताजमहल समेत अन्य स्मारक खुलने से बढे़गी पेठे की मांग।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी की खास मिठाई पेठा का निर्माण फिर से शुरू हो गया है। चासनी में डूबा अलग-अलग तरह का पेठा तैयार किया जा रहा है। मगर, अब ताजमहल खुलने के बाद पेठे की मिठास फिर से बढ़ने की उम्म्मीद है। अनलाक में ताजमहल सहेत अन्य स्मारक बंद होने के चलते पिछले पर्यटक न आने से पेठे की डिमांड 70 फीसद कम हो गई थी। मगर, अब फिर से पेठा कारोबार पटरी पर लौट रहा है।

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ताजमहल समेत सभी स्मारक बंद हो गए थे। एक माह का लाकडाउन के चलते सभी गतिविधियां रूक गई थीं। ऐसे में पेठा कारोबार भी प्रभावित हो गया था। एक जून से अनलाक होने के बाद भी पेठा कारोबार में रौनक नहीं आई थी। पेठा कारोबारियों को ताजमहल सहित अन्य स्मारक खुलने का इंतजार था। अब ताजमहल और अन्य स्मारकों को खोल दिया गया है। इनमें पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है। ऐसे में पेठे की मांग में 40 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है। पेठा कारोबारियों को आने वाले दिनों में फिर से पहले की तरह पेठे की मांग बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, पड़ोसी राज्यों में भी अनलाक होने से वहां से भी पेठे के आर्डर आना शुरू हो गए हैं। इससे भी पेठा कारोबारियों को राहत मिली है।

पांच-छह तरह का बन रहा पेठा

पेठा कारोबारियों ने बताया कि गर्मियों में पेठे की बहुत डिमांड होती है, लेकिन डिमांड ने होने के कारण कम पेठा तैयार किया जा रहा था। नूरी दरवाजा में करीब 20 से 25 तरह का पेठा बनता है, लेकिन वर्तमान में सात-आठ तरह का ही बनाया जा रहा है। वो भी बहुत कम मात्रा में बनाया जा रहा है। अब ताजमहल खुला है, पर्यटक आएंगे तो पेठे की वैरायटी भी बढ़ाई जाएंगी।

500 करोड़ का था कारोबार

पेठा कारोबारियों के अनुसार आगरा में पूरे साल में पेठा का करीब 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, लेकिन लाकडाउन और स्मारक बंद होने से इस बार कारोबार प्रभावित हुआ है। आगे क्या हालात रहेंगे, इसको लेकर भी कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में कारोबार में 40 फीसद की गिरावट आना ताे तय है।

पेठा इंडस्ट्री

कच्चे पेठे की आढ़त - 20

पेठा बनाने वाली इकाइयां - 500

पेठा बेचने वाली दुकानें - 1500

पेठा कारोबार से जुड़े मजदूर - 10 हजार 


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