Move to Jagran APP

Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि के विभागों की अलमारियों में बंद है विद्यार्थियों के भविष्य

Ambedkar University Agra तैयार डिग्रियां और आवेदन की फाइलें खा रही हैं धूल- सात लाख से ज्यादा डिग्रियां तैयार हैं नहीं हुई प्रेषित।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 06:05 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 06:05 PM (IST)
Ambedkar University Agra: आंबेडकर विवि के विभागों की अलमारियों में बंद है विद्यार्थियों के भविष्य

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विवि के विभागों की अलमारियों में विद्यार्थियों के भविष्य बंद हैं। डिग्री के आवेदनों की फाइलें धूल फांक रही हैं। डिग्रियां तैयार हैं, लेकिन उन्हें प्रेषित नहीं किया जा रहा है।विवि प्रशासन पर विवि की साख सुधारने का दबाव है तो बाबू अपने सुविधा शुल्क को किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहते हैं। हर आवेदन पर आपत्ति लगा उसे अलमारी में बंद करना विवि की कार्यप्रणाली का हिस्सा बन गया है। कुलपति ने इसके लिए अब एक शिक्षक को अतिरिक्त जिम्मेदारी दे, समस्या समाधान को निर्देशित किया है।

loksabha election banner

रूकी हुई हैं सात लाख से ज्यादा डिग्री

विवि में 2015 से 2019 तक केवल 5013 डिग्रियां ही विद्यार्थियों को प्रेषित की गई हैं, 7,38,747 डिग्रियां प्रेषित होने के लिए तैयार हैं।1998 से 2014 का कोई रिकॉर्ड ही विवि के पास नहीं है। 1998 से 2019 तक की डिग्रियों को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है। पहला वर्ग 1998 से पहले का है, दूसरा 1998 से 2014 तक और तीसरा वर्ग 2015 से 2019 तक का है। 1998 से पहले की डिग्रियां विवि में बनी रखी हैं लेकिन उन्हें प्रेषित नहीं किया गया है और 1998 से 2014 तक का कोई भी रिकॉर्ड विवि के विभागों में नहीं है। कालेजों और आवासीय परिसर के विभागों में पत्र और डिग्रियां भेजी जा रही हैं। विद्यार्थी अपने कालेज या अपने विभागों से ही अब निश्शुल्क डिग्रियां प्राप्त कर सकेंगे। यह काम 15 सितंबर के बाद शुरू होगा।

सालों से विभागों में रूके हैं आवेदन

दो सालों में विभिन्न विभागों में लगभग 46 हजार डिग्रियों के आवेदन थे, जिनमें से 23500 को प्रेषित किया जा चुका है। 23 हजार के आसपास आवेदन अभी भी विभागों में ही रूके हुए हैं। विवि के चार्ट रूम और अन्य विभागों में सबसे ज्यादा डिग्री के आवेदन रूके हुए हैं। चार्ट रूम में लगभग 10 हजार, बीएड और नामांकन विभाग में नौ हजार आवेदन रूके हुए हैं। आवेदन करने के 400 दिन तक भी विद्यार्थियों को डिग्रियां नहीं मिल पाई हैं। सख्ती के बाद भी पटलों पर डिग्रियां लटकाई जा रहीं हैं। विवि में प्रोविजनल डिग्री के लिए लगभग दो लाख अॉफलाइन आवेदन गठरियों में बंद पड़े हैं। यह सभी आवेदन 2015 से पहले के हैं। इन आवेदनों के निस्तारण की योजना विवि प्रशासन की लिस्ट में अभी निचले स्तर पर है। पहले अॉनलाइन आवेदनों की डिग्रियों को निस्तारित किया जाएगा। डिग्री समस्या से निजात दिलाने के लिए दो छात्रों ने राज्यपाल से भी मदद मांगी है। इतने चरणों से गुजरना पड़ता है एक आवेदन कोविवि में 2018 में शुरू हुई अॉनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में विद्यार्थी विवि की वेबसाइट पर ही डिग्री के लिए आवेदन करता है। सबसे पहले अॉनलाइन विभाग में ही विद्यार्थी द्वारा लगाए गए कागजातों की जांच होती है। अगर कोई कमी मिलती है तो मैसेज के माध्यम से विद्यार्थी को सूचना दी जाती है।फिर, मेल या वाट्सएप पर कागजात मंगाए जाते हैं। इसके बाद आवेदन नामांकन विभाग में जाता है, जहां फिर से पूरी जांच होती है।तीसरा विभाग डिग्री विभाग है। इसके बाद कोर्स के विभाग में जाता है। तीनों सालों की अंकतालिकाओं की जांच होती है यानी हर साल के विभाग में वो आवेदन घूमता है।चार्ट रूम में अंकों की जांच के लिए जाती है। अब डिग्री प्रिंट होने जाएगी। प्रिंट होने के बाद फिर से डिग्री विभाग में जाएगी। यहां फिर से जांच होगी।एक बार फिर से थर्ड ईयर विभाग में जाती है। वहां पटल प्रभारी के हस्ताक्षर होंगे। इसके बाद अॉफिस सुपरीटेंडेट, परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव और फिर कुलपति के हस्ताक्षर होते हैं। हस्ताक्षर होने के बाद डिग्री अॉनलाइन विभाग में पहुंचती है। यहां स्कैन होती है। विद्यार्थी के लॉगइन अाईडी पर अपलोड की जाती है। अॉनलाइन डिस्पैच की जाती है। फिर से डिग्री विभाग पहुंचती है, यहां से लिफाफे में डाक से विद्यार्थी के घर भेजी जाती है।

निरीक्षण में अलमारियों में बंद मिली डिग्रियां

पिछले दिनों कुलपति के निर्देशों पर विभागों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान हर विभाग की अलमारियों में आवेदन और तैयार डिग्रियां बंद मिलीं।पटल प्रभारियों और बाबूओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है।हर रोज करते हैं 100-150 डिग्री प्रेषितपरीक्षा नियंत्रक डा. राजीव कुमार का कहना है कि डिग्री समस्या से विद्यार्थियों को निजात दिलाने के लिए दिन-रात काम हो रहा है। हर रोज 100-150 डिग्रियों को विवि से प्रेषित किया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.