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हिरासत में मौत, आठ दिन में भी सामने नहीं आ सके जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के नाम

जगदीशपुरा थाने के मालखाने में चोरी के मामले में हुई थी सफाई कर्मचारी अरुण की मृत्‍यु। अभी तक अज्ञात में चल रहा है हत्या का मुकदमा। कासगंज पुलिस की टीम दोबारा पहुंची अरुण के घर लिए स्वजन के बयान। वाल्‍मीकि समाज ने सौंपा आठ सूत्रीय ज्ञापन।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 01:40 PM (IST)
हिरासत में मौत, आठ दिन में भी सामने नहीं आ सके जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के नाम
सफाईकर्मी अरुण की मौत के जिम्‍मेदार पुलिसकर्मियों के नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। पुलिस हिरासत में अरुण की मौत के मामले में आठ दिन बाद भी पुलिस की विवेचना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। जगदीशपुरा थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होने हुआ था। अरुण की मौत के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के नाम सामने नहीं आ सके हैं। मुकदमे की विवेचना कर रही कासगंज पुलिस की टीम बुधवार की सुबह दोबारा अरुण के घर पहुंची। स्वजन के बयान लिए।

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जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी हो गई थी। पुलिस को 17 अक्टूबर की सुबह इसकी जानकारी हुई। घटना के बाद से गायब सफाई कर्मचारी अरुण पर पुलिस काे शक था। उसे 19 अक्टूबर की शाम को ताजगंज इलाके से गिरफ्तार किया। अगले दिन सुबह पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई। मृतक के भाई सोनू की तहरीर पर जगदीशपुरा थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

मुकदमे की विवेचना कासगंज के ढोलना थाने में स्थानांतरित कर दी गई। विवेचना ओम प्रकाश सिंह कर रहे हैं। विवेचक ने मंगलवार को अरुण के घर जाकर घटना की जानकारी ली थी। बुधवार की सुबह दोबारा वहां पहुंचे। अरुण की मां कमला देवी, पत्नी सोनम, भाइयों सोनू, रिंकू व बंटी के बयान लिए। स्वजन का कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के आठ दिन बाद भी पुलिस ने किसी का नाम नहीं खोला है।मुकदमे में एससी/एसटी एक्ट की धारा भी नहीं बढ़ाई गई है। स्वजन ने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए।

19 अक्टूबर की आधी रात तक जीवित था अरुण

स्वजन ने बताया कि अरुण से अवधपुरी पुलिस चौकी पर पूछताछ की गई थी। वह 19 अक्टूबर की रात ढाई बजे तक जीवित था।इस दौरान भाई सोनू से अरुण की मुलाकात कराई गई थी। वह खुद भी डरा हुआ था, इसलिए अरुण से बात नहीं हो सकी थी।

भाई को संविदा पर नौकरी, बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा

अरुण के भाई सोनू ने बताया कि पुलिस-प्रशासन के अधिकारी बुधवार को परिवार से मिले। उन्हें तीन और मदद दीं। इसमें सोनू को पुलिस लाइन में संविदा पर सफाई कर्मी की नौकरी, पत्नी को नगर निगम द्वारा एक आवास और तीनों बच्चों को पुलिस मार्डन स्कूल में बारहवीं तक निश्शुल्क शिक्षा का आश्वासन दिया गया। पत्नी को नगर निगम में संविदा पर नौकरी दी जाएगी।

वाल्मीकि समाज ने सौंपा आठ सूत्रीय ज्ञापन

वाल्मीकि सभा ने गौरव वाल्मीकि के नेतृत्व में बुधवार को अरुण की मौत के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने के लिए हरीपर्वत थाने पर एसपी सिटी विकास कुमार का घेराव किया। सभा ने अरुण व कार शोरूम मैनेजर रंजीत खरे के मामले में एडीएम सिटी डाक्टर प्रभाकांत अवस्थी, अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र सिंह यादव और एसपी सिटी विकास कुमार को आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। 


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