राष्ट्रीय पक्षी का ऐसा हाल देख, छलक जाएंगी आपकी आंखें, जानिए क्या है मामला Agra News
कासगंज के अमांपुर रोड के एक प्लॉट में मृत मिले दस मोर। जांच में जुटी टीम।
आगरा, जिज्ञासु वशिष्ठ। ग्रामीणों को रविवार को राष्ट्र के सेवकों को राष्ट्रीयता सिखानी पड़ी। अमांपुर के जंगल में 10 मोरों के मिले शव को विभागीय कर्मी जब बोरे में भरने लगे तो ग्रामीणों ने विरोध कर दिया। कहा कि ये राष्ट्रीय पक्षी हैं, बोरा में नहीं ले जाने देंगे। इनके लिए कफन लाओ। सरकारी कर्मियों की आंखें खुल गईं और आनन-फानन लाए कफन ओढ़ाकर शवों को पोस्टमार्टम गृह ले गए।
रविवार सुबह ग्रामीण रोजाना की तरह जंगल में गए थे। दो मोरों को मरा देख वे चौंक गए। तत्काल ही वन दारोगा को सूचना दी। वन विभाग की टीम ने आकर दोनों शव को अपनी सिपुर्दगी में ले ही लिए, जंगल खंगालने में आठ और शव मिल गए। मोरों की मौत पर ग्रामीण दंग थे। मोरों की कुहू-कुहू की मीठी आवाज ने इन्हें अपना बना लिया था। ग्रामीणों ने बेहद ही संवेदनशीलता दिखाते हुए इन शवों को पूरे सम्मान के साथ लाकर एक स्थान पर रख दिया। ठेठ देहाती ग्रामीणों को इन मोरों की राष्ट्रीय महत्व की भी जानकारी थी।
वन विभाग की टीम मोरों के शवों को ले जाने के लिए बोरे लाई थी। जैसे ही कर्मचारी ने एक शव को बोरे में रखने का प्रयास किया, ग्रामीणों ने तत्काल रोक दिया। गुस्से में बोले-तुम्हें पता नहीं कि ये राष्ट्रीय पक्षी हैं, इन्हें बोरे में नहीं ले जाने देंगे। इनके लिए सम्मानपूर्वक कफन लाओ। वन कर्मियों की आंखें खुल गई थीं, शर्मसार होते हुए एक कर्मचारी को कफन लाने भेजा। बाद में इन शवों को कफन ओढ़ाकर पूरे सम्मान के साथ पोस्टमार्टम गृह ले जाया गया।
जिला वन अधिकारी दिवाकर वशिष्ठ का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी के नियमानुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शिष्टता और सुंदरता का प्रतीक है
पक्षियों का राजा कहा जाने वाला मोर शिष्टता और सुंदरता का बेजोड़ संगम है। मोर पंख फैलाकर जब नाचता है तो ऐसा लगता है कि हीरों से जड़ी कोई शाही पोशाक पहन ली हो।
ऐसे राष्ट्रीय पक्षी बना मोर
मोर को भारत सरकार ने 26 जनवरी 1963 में राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया था। इसके लिए भारतीय वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें सारस क्रेन, ब्राम्हिणी काइट, बस्टार्ड, हंस के नाम पर भी चर्चा हुई। लेकिन इसमें मोर को ही राष्ट्रीय पक्षी चुना गया।