DAP Crisis Agra: आगरा में डीएपी की किल्लत, सहकारी समितियों से किसान हो रहे बैरंग
आगरा जिले में सरसों की बुवाई का समय आ गया है। जिले में 105 समितियां हैं जिनसे किसानों को डीएपी उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को सप्ताहभर से डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। अगले तीन दिन में डीएपी की रैक मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। सरसों की बुवाई कर रहे किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। दर्जनभर से अधिक सहकारी समितियों पर डीएपी की उपलब्धता नहीं है, जबकि निजी क्षेत्र के विक्रेता जमकर मनमानी कर रहे हैं। समितियों से बैरंग हो रहे किसान बाजार से अधिक मूल्य पर डीएपी खरीदने को मजबूर हैं।
जिले में 105 समितियां हैं, जिनसे किसानों को डीएपी उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को सप्ताहभर से डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। अछनेरा, एत्मादपुर, बरहन सहित कई समितियों पर डीएपी नहीं होने के कारण किसानों ने आक्रोश जताया। किसान विजय सिंह का कहना था कि डीएपी की उपलब्धता नहीं होने के कारण बुवाई में देरी हो रही है। किसान होतम सिंह ने बताया कि सहकारी समिति पर डीएपी उपलब्ध नहीं है, जबकि बाजार में प्रति पैकेट 300 रुपये अधिक लिए जा रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि अगले तीन दिन में डीएपी की तीन निजी रैक जिले को उपलब्ध हो जाएंगी। किसान सरसों की बुवाई में एनपीके का प्रयोग भी कर सकते हैं। ये फसल के लिए उपयोगी होता है।
सांसद चाहर ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद राजकुमार चाहर ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर आगरा के लिए डीएपी की दो प्राइवेट और एक सरकारी रैक मांगी है। सांसद ने पत्र में लिखा है कि आगरा के किसान प्रमुखता से आलू और सरसों करते हैं। डीएपी की कमी से बुवाई में संकट पैदा होगा।
डीएम से की मुलाकात
भारतीय किसान संघ के प्रांत अध्यक्ष मोहन सिंह चाहर ने बुधवार को जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह से मुलाकात कर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा है। उनका कहना था कि सरसों की बुवाई के लिए किसानों और आलू की बुवाई शुरू होने वाली है। अगर उपलब्धता नहीं हुई तो संगठन आंदोलन को बाध्य होगा।