आगरा में डीएपी की किल्लत बरकरार, किसान अब तक परेशान, किया यमुना में खड़े होकर प्रदर्शन
कृषि सहकारी समिति सचिव कर रहे मनमानी निजी विक्रेता वसूल रहे अधिक दाम। कुछ किसान सरसों की बोवाई नहीं कर पाए हैं जबकि आलू गेहूं की बोवाई भी पिछड़ रही है। उपलब्धता नहीं होने पर किसान समितियों पर आक्रोश जता रहे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। डीएपी की किल्लत का लाभ कालाबाजारी करने वाले उठा रहे हैं। समितियाें पर सचिव उपलब्धता के बाद खाद वितरण करने में मनमानी कर रहे हैं, तो निजी विक्रेता 1200 रुपये का डीएपी का कट्टा किसानों को 1700 से लेकर दो हजार रुपये तक बेच रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है, तो एक-दो स्थानों विक्रेताओं पर कार्रवाई कर खानापूरी कर ली है। कुछ किसान सरसों की बोवाई नहीं कर पाए हैं, जबकि आलू, गेहूं की बोवाई भी पिछड़ रही है। उपलब्धता नहीं होने पर किसान समितियों पर आक्रोश जता रहे हैं। चार नवंबर को आई डीएपी की रैक 11 नवंबर तक समितियों पर पहुंच पाई है। बोवाई के लिए परेशान घूम रहे किसान निजी विक्रेताओं के यहां कतारें लगा रहे हैं, लेकिन वे पहचान के किसानों के माध्यम से ही वितरण कर रहे हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों ने भी क्षेत्र से दूरी बना रखी है।
अर्धनग्न होकर यमुना में खड़े हो किया प्रदर्शन
डीएपी की उपलब्धता कराने और संकट से निदान के लिए किसानों ने 72 घंटे पहले जल समाधि लेने की चेतावनी दी थी। समस्या हल नहीं होने पर आक्रोशित किसान गुरुवार को पोइया घाट पहुंच गए। किसान नेता चौधरी रामवीर सिंह के नेतृत्व में यमुना में अर्धनग्न होकर उतरे किसानों को न्यू आगरा पुलिस ने बाहर निकाला और आश्वस्त किया। इस दौरान सौरभ चौधरी, सत्यवीर चौधरी, धर्मवीर चौधरी, विजय सिंह, महेंद्र सिंह, सुरेश चाहर आदि मौजूद थे।