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Cyber Crime: Coal India के सेवानिवृत्त अधिकारी से साइबर शातिर ने 1.58 लाख रुपये ठगे

Cyber Crime बीमा पालिसी की समस्या को लेकर गूगल पर खोजा था नंबर। साइबर शातिर का निकला नंबर खाते में जमा कराई रकम। खाते से एक लाख 59 हजार रुपये आटो डेबिट हो गए। पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 01:31 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 01:31 PM (IST)
Cyber Crime: Coal India के सेवानिवृत्त अधिकारी से साइबर शातिर ने 1.58 लाख रुपये ठगे
कोल इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारी साइबर शातिरों की ठगी का शिकार हो गए। प्रतीकात्मक फोटो

आगरा, जागरण संवाददाता। कोल इंडिया के सेवानिवृत्त अधिकारी साइबर शातिरों की ठगी का शिकार हो गए। अपनी बीमा पालिसी से संबंधित समस्या को लेकर गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च किया, जो साइबर शातिर का निकला। उसने पालिसी की जमा रकम को वापस दिलाने का झांसा देकर उनसे अपने खाते में एक खाते में एक लाख 58 हजार रुपये जमा करा लिए। पीड़ित अधिकारी ने सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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रविंद्र कुमार सिन्हा, कोल इंडिया के सेवानिवृत्त जनरल मैनेजर हैं। वह मेघ कुंज, सिकंदरा के रहने वाले हैं। अधिकारी के अनुसार उन्होंने वर्ष 2019 में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बीमा पालिसी कराई थी। इसकी वार्षिक किस्त एक लाख 58 हजार रुपये है। उनकी किस्त 26 जनवरी को जमा होनी थी। उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि किस्त जमा नहीं कराने पर वह खाते से आटो डेबिट हो जाएगी। कंपनी के अधिकारियों ने उन्हें पालिसी लेते समय आटो डेबिट के विकल्प की जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से आटो डेबिट विकल्प हटाने को लेकर कंपनी के अधिकारियों से बात की। मगर, उनके खाते से एक लाख 59 हजार रुपये आटो डेबिट हो गए।

सेवानिवृत्त अधिकारी के अनुसार इसकी शिकायत करने के लिए उन्होंने गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर खोजा। इसमें मिले एक नंबर पर काल किया, इसे रिसीव करने वाले ने खुद को कंपनी के गुड़गांव स्थित कार्यालय का अधिकारी आदित्य राजपूत बताया। उन्हें बीमा पालिसी से संबंधित रकम वापस करने का आश्वासन दिया। उन्हें बताया कि पालिसी बंद कर उनकी रकम वापस कर दी जाएगी। मगर, इसके लिए उन्हें एक लाख 58 हजार रुपये पेशगी में जमा कराने होंगे। इसके बाद उन्हें ब्याज व बोनस समेत आठ लाख रुपये वापस मिल जाएंगे।

सेवानिवृत्त अधिकारी के अनुसार वह इस पर राजी हो गए। तीन मार्च को आदित्य राजपूत द्वारा बताए खाते में एक लाख 58 हजार रुपये जमा करा दिए। तय समय के बावजूद उन्हें पालिसी की रकम नहीं मिली तो स्थानीय कार्यालय से पता किया। कार्यालय के स्टाफ ने बताया कि पालिसी की चौथी किस्त जमा नहीं हुई है। इससे उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। इंस्पेक्टर सिकंदरा कमलेश सिंह ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है। 


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