Cyber Crime: आगरा में साइबर शातिरों का हथियार बना कस्टमर केयर नंबर, बरतें ये सावधानी वरना बन जाएंगे शिकार
Cyber Crimeमदद के नाम पर खातों से निकाल रहे रकम। शातिरों ने वर्ष 2020 में 100 से ज्यादा लोग हुए ठगी शिकार। शाहगंज के व्यक़्ति से बीमा कंपनी का प्रीमियम भरने के नाम पर ठगे थे 97 लाख रुपये। नए साल में भी साइबर सेल पहुंचने लगे पीड़ित।
आगरा, अली अब्बास। कस्टमर केयर नंबर साइबर शातिरों का हथियार बन गया है। वह मदद के नाम पर लोगों से उनके खाते एवं क्रेडिट कार्ड से संबंधित जानकारी हासिल करते हैं। इसके बाद उनके खातों से रकम निकाल लेते हैं। साइबर सेल द्वारा इसे लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को गूगल की जगह संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर जाकर उससे कस्टमर केयर का नंबर लेने की कहा जा रहा है। इसके बावजूद कस्टमर केयर के नाम पर साइबर शातिर धोखाधड़ी करने में सफल हो रहे हैं। पिछले साल इस तरह के 100 से ज्यादा मामले रेंज साइबर सेल, रेंज साइबर थाने और जिला साइबर सेल के पास पहुंचे। इस साल भी एक मामला साइबर सेल पहुंचा है।
केस एक:
शाहगंज क्षेत्र निवासी प्रताप सिंह ने अपनी बीमा पालिसी भरने के लिए एक साल पहले गूगल पर कंपनी का हेल्पलाइन नंबर सर्च किया था। उन्हें शातिर द्वारा बनाया गया फर्जी कस्टमर केयर नंबर मिल गया। प्रताप सिंह के बात करने पर शातिर ने खुद को बीमा कंपनी का प्रतिनिधि बताया। इसके बाद उन्हें अपने जाल में फांस 97 लाख रुपये जमा करा लिए। ठगी का पता चलने पर पीड़ित ने रेंज साइबर सेल में शिकायत की। छानबीन में पता चला कि उनसे नाइजीरियन गैंग ने ठगी की थी। रेंज साइबर सेल की टीम ने नाइजीरियन आरोपित समेत सात लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा।
केस दो:
शहर के एक व्यापारी धर्मेंद्र सिंह ने दिसंबर 2020 में चीनी का थोक का काम शुरू किया।आनलाइन वेबसाइट से शुगर मिल का नंबर लिया। उक्त नंबर पर फोन किया तो दूसरी ओर से बात करने वाले ने बताया कि वह शुगर मिल का मैनेजर है। व्यापाारी को बताया कि माल बुक कराने पर 50 फीसद और बाकी रकम डिलीवरी के बाद देनी होगी।व्यापारी ने शातिर द्वारा बताए गए खाते में दो बार में 50 हजार रुपये जमा करा दिए। माल नहीं आने पर व्यापारी ने मैनेजर को फोन किया। शातिर ने व्यापारी को मिलने के लिए लखनऊ बुलाया। मगर, खुद वहां नहीं आया, फोन स्विच कर लिया। व्यापारी ने शुगर मिल पहुंचकर जानकारी की। वहां पता चला कि वहां इस नाम का कोई मैनेजर नहीं है। तब व्यापारी काे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला।
विशेषज्ञों की सलाह
रेंज साइबर सेल के प्रभारी शैलेश कुमार सिंह कहते हैं कि कुछ सतर्कता बरतकर हम वर्चुअल दुनिया के शातिरों की ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। धोखाधड़ी से बचने को यह रखें ध्यान
-इंटरनेट मीडिया पर कोई सामान या सेवा खरीदने से पहले विक्रेता के संबंध में पूर्ण जानकारी सत्यापित कर लें। जैसे उसके खाते में अंकित नाम-पता आदि।
-किसी डिजीटल वालेट या इंश्योरेंस सेवा आदि के कस्टमर केयर का नंबर गूगल से सर्च न करें। हमेशा उसे कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध कस्टमर केयर से सर्च करें। अधिकांश साइबर शातिर गूगल पर अपना विवरण शीर्ष पर डालने में सफल हो जाते हैं। अनजान व्यक्ति ऐसी साइट पर जाकर अपनी समस्याएं बताते हुए अपनी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा कर बैठते हैं। इसका बाद में दुरुपयोग हो जाता है।
-किसी अनजान व्यक्ति के कहने से अपने मोबाइल पर anydesk/ammydesk/team viewer quick support आदि एप डाउनलोड न करें। एेसा करने पर दूर बैठे साइबर शातिर पूरी तरह से आपके मोबाइल की स्क्रीन साझा करने के साथ उसे हैक कर लेते हैं।
-कभी भी अपने डिजीटल वालेट या एकाउंट की केवाइसी आनलाइन अपडेट न करें।
-किसी अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए कुछ धनराशि को प्राप्त करने संबंधी लिंक या क्यूआर कोड को अपने फोन से स्कैन न करें। साइबर शातिर आपको विश्वास में लेने के लिए इस तरह के लालच देता है।