कोरोना की जांच की जगह मरीज करा रहे सीटी स्कैन
-सांस फूलने बुखार आने पर नहीं करा रहे कोरोना की जांच - इस कारण गंभीर हालत में भर्ती हो रहे कोरोना संक्रमित मरीज
आगरा, जागरण, संवाददाता। केस एक, 62 साल के जीवनीमंडी क्षेत्र के मरीज को कई दिन तक बुखार आने के बाद सांस लेने में परेशानी होने लगी, उन्होंने कोरोना की जांच नहीं कराई। सीटी स्कैन कराने पर वायरल निमोनिया होने पर इन्हें गंभीर हालत में एसएन में भर्ती कराया। केस दो, बुखार, खांसी होने पर 52 साल के कमला नगर निवासी मरीज ने एक्स-रे कराया, इसमें फेफड़ों में संक्रमण मिला। इसके बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ, हालत बिगड़ने पर एसएन में भर्ती कराया गया। यहां उन्हें आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
कोरोना के नए मरीजों में 20 से 25 फीसद गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं। इन मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट पर रखा जा रहा है। ये कोरोना के प्रारंभिक लक्षण आने पर भर्ती करा दिए जाएं तो सामान्य दवाओं से ठीक हो सकते हैं।
एसएन मेडिकल कालेज के कोविड हास्पिटल में इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आइएलआइ) और सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इन्फेक्शन (सारी) के साथ मरीज भर्ती हो रहे हैं। ये मरीज अपने साथ एक्सरे और सीटी स्कैन की रिपोर्ट भी लेकर आ रहे हैं। मगर, कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित होने के बाद घर पर कई दिन तक इलाज कराने से इनकी तबीयत बिगड़ रही है। एसएन के प्राचार्य डा. संजय काला ने बताया कि 50 साल से अधिक उम्र के मधुमेह, हृदय रोगी और सांस संबंधी समस्या के मरीजों को बुखार और सांस लेने में परेशानी होने पर कोरोना की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे प्रारंभिक अवस्था में इलाज मिल सके। देरी से भर्ती होने पर मरीज की जान बचाना चुनौती बना हुआ है।