CoVaxin Trail in Agra: आगरा में ट्रायल का हिस्सा बनने को आगे आए एएमयू के वीसी, जानिए अब तक कितनों ने किया संपर्क
CoVaxin Trail in Agra एसएन मेडिकल कॉलेज में शुरू होने जा रहे ट्रायल के लिए एएमयू के वीसी तारिक मंसूर के साथ ही डॉक्टर आगे आए हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए वॉलेंटियर्स आगे आने लगे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में शुरू होने जा रहे ट्रायल के लिए एएमयू के वीसी तारिक मंसूर के साथ ही डॉक्टर आगे आए हैं। मंगलवार को एथिकल कमेटी प्रजेंटेशन देगी, इसके बाद ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।
कोरोना की देसी वैक्सीन (कोवैक्सीन) का ह्यïूमन ट्रायल एसएन मेडिकल कॉलेज में शुरू किया जा रहा है। यह ट्रायल 400 स्वस्थ लोगों पर होगा। इसमें 18 से 50 साल के वॉलेंटियर्स शामिल हो सकते हैं। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट््यूट ऑफ वॉयरलॉजी (एनआइवी) के साथ मिलकर हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन के ट्रायल की तैयारी शुरू हो गईं हैं। एथिकल कमेटी की मंगलवार को बैठक होगी, इसमें ट्रायल संबंधी प्रोटोकॉल का प्रजेंटेशन दिया जाएगा। 400 स्वस्थ लोगों पर ट्रायल होना है। एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर से लेकर एसएन के डॉक्टर, कर्मचारी सहित शहर के 25 लोगों ने ट्रायल में शामिल होने के लिए संपर्क किया है। अगस्त में कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। 400 लोगों के ट्रायल के बाद दूसरे ट्रायल में 700 लोग शामिल किए जाएंगे। प्रोटोकॉल के तहत की जाने वाली जांचों का डाटा आइसीएमआर को भेजा जाएगा।
ये लोग ट्रायल में हो सकेंगे शामिल
18 से 50 साल के स्वस्थ लोग, जिन्हें कोई बीमारी न हो, इसकी जांच की जाएगी।
ट्रायल में शामिल होने का सहमति पत्र लिया जाएगा, वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी।
ट्रायल में शामिल होने के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं
इस तरह होगा ट्रायल
कोवैक्सीन इनएक्टिव कोरोना वायरस से तैयार की गई है, इससे संक्रमण का खतरा नहीं है और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। इसकी जानकारी दी जाएगी।
कोवैक्सीन भी अन्य वैक्सीन की तरह से मसल्स में लगाई जाएगी, दो घंटे तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की निगरानी में रहेंगे, यह देखने के लिए कि कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है।
डबल ब्लाइंड ट्रायल होगा, कुछ लोगों को प्लेसीबो वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।
14 दिन बाद जांच की जाएगी, इसके बाद दूसरी डोज लगाई जाएगी।
कोवैक्सीन लगने के बाद एंटीबॉडी कितनी बनी है, इसकी जांच की जाएगी।
एक साल तक ट्रायल चलेगा, जिन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी, वे निगरानी में रहेंगे।