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कंगना रनौत को आगरा में मिलेगी राहत या बढ़ेंगी मुश्किलें, सुनवाई 18 फरवरी को, जानें क्‍या है मामला

आगरा में अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 23 नवंबर को सीजेएम कोर्ट में अभिनेत्री व प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रस्तुत किया था प्रार्थना पत्र। कंगना पर महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी के आरोप में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 05:04 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 05:04 PM (IST)
कंगना रनौत को आगरा में मिलेगी राहत या बढ़ेंगी मुश्किलें, सुनवाई 18 फरवरी को, जानें क्‍या है मामला
कंगना पर महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी के आरोप में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा की अदालत में अभिनेत्री कंगना रनौत मामले में अब 18 फरवरी को सुनवाई होगी। वादी एवं अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने प्रधानमंत्री और कंगना रनौत के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। जिसमें वादी की गवाही हो चुकी है। अन्य गवाहों के बयान दर्ज होने हैं। उच्च न्यायालय द्वारा जारी काेविड प्रोटोकाल का पालन करने के चलते फिलहाल गवाही की प्रक्रिया पर रोक है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार सिंह ने मामले में सुनवाई को अब 18 फरवरी की तारीख नियत की है।  

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राजीव गांधी बार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 23 नवंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। यह प्रार्थना पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के लिए है। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा के अनुसार 17 नवंबर को उन्होंने अभिनेत्री द्वारा महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी व पोस्ट को पढा। जिसमें आजादी भीख मिली एवं महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का उपहास उड़ाया था।  

अधिवक्ता ने प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, देशभक्त बलिदानियों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों समेत पूरे राष्ट्र का अपमान किया है। प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी थी। मगर, उन्होंने ऐसा न कर अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया।

इससे पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर की भी गांधी जी के प्रति अमर्यादित टिप्पणी पर प्रधानमंत्री मौन साध गए थे। जिससे प्रार्थी समेत अन्य अधिवक्ताओं व करोड़ों देशवासियों की भावना को ठेस पहुंची है। मामले में अधिवक्ता एवं वादी रमाशंकर शर्मा अपने बयान दर्ज कर चुके हैं। अन्य गवाहों के बयान दर्ज होने थे। मगर, कोविड प्रोटोकाल के चलते गवाही की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक है। जिसके चलते अदालत ने अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 18 फरवरी की तारीख नियत की है। 


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