अतिक्रमण के जख्म से जूझ रहे हैं परिषदीय विद्यालय
कहीं विद्यालय परिसर में बांधी जा रही हैं भैंस कहीं क्षेत्रीय लोगों ने सामान रखकर किया अतिक्रमण
आगरा,जागरण संवाददाता। कहीं विद्यालय परिसर में भैंसे बांधी जा रही हैं, तो कहीं अराजक तत्वों का जमघट रहता है। कहीं विद्यालय परिसर में अतिक्रमण है, तो कहीं दुकानदारों ने विद्यालय की जगह को घेर रखा है। यह एक दो नहीं, बल्कि जिले के कई परिषदीय विद्यालयों की स्थिति है, जहां शिक्षक और विद्यार्थी संसाधनों और सुविधाओं की कमी के साथ अतिक्रमण के जख्म से भी जूझ रहे हैं।
सौंठ की मंडी स्थित प्राथमिक विद्यालय बाल गोवर्धन दास में विद्यालय परिसर में ही भैसें बांधी जा रही हैं। चारों तरफ गोबर के कारण दुर्गंध उठती हैं। विरोध करने पर वह लोग वहां तैनात एकमात्र शिक्षा मित्र नूतन राठौर के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। ऐसे में शिक्षा मित्र सिर्फ अधिकारियों को लिखित शिकायत कर सहम कर बैठ जाती हैं।
वहीं प्राथमिक विद्यालय नाला कंस खार में भी यही स्थिति है। प्रधानाध्यापक मनोरमा उपाध्याय ने इसका विरोध किया, तो अतिक्रमण करने वाले दंबग लामबंद हो गए, उन्होंने विभाग में इसकी शिकायत की, लेकिन हालत जस के तस बने हुए हैं। वहीं प्राथमिक नगला अजीता में भी यही हाल है। विद्यालय दो कमरों में संचालित है, उसमें विभाग ने कंपोजिट विद्यालय जगदीशपुरा को भी शिफ्ट कर दिया है। प्रधानाध्यपक कीर्ति दुबे का कहना है कि विद्यालय परिसर में मंदिर के कारण विवाद के हालात बन जाते हैं।
वहीं किराए के भवन में संचालित सदर भट्टी स्थित प्राथमिक विद्यालय के बाहर भी अतिक्रमण है, जिसके कारण दरवाजा भी घिरा रहता है।
शिक्षक हैं परेशान
यूनाइडेट टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के जिला महामंत्री राजीव वर्मा का कहना है कि शिक्षकों का मूल काम पढ़ाना है, लेकिन जिले के परिषदीय विद्यालय सुविधाओं और संसाधनों के अभाव से जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत नगर क्षेत्र के विद्यालयों में हैं। इससे जैसे-तैसे शिक्षक निपट भी लें, तो विद्यालय परिसर में होने वाला अतिक्रमण शिक्षकों के लिए मुसीबत बन गया है। एक नहीं, दर्जनों विद्यालयों में यही स्थिति है। विभाग को शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि यदि विभागीय निरीक्षण हुआ, तो अतिक्रमण का ठीकरा शिक्षकों के सिर फूटेगा।