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Corruption: कासगंज के तत्कालीन सीडीओ समेत 16 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा

वर्ष 2010-11 के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री भर्ती में अपात्रों की नियुक्ति का आरोप। विधायक निधि का दुरुपयोग और इंदिरा आवास आवंटन में अपात्रों को पहुंचाया लाभ। तत्‍कालीन डूडा अधिकारी भी भ्रष्‍टाचार के आरोपों में फंसे। शासन के आदेश पर हुई थी जांच।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 08:17 PM (IST)
Corruption: कासगंज के तत्कालीन सीडीओ समेत 16 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा
कासगंज में वर्ष 2010-2011 में तैनात रहे अफसरों पर भ्रष्‍टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कासगंज के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) चंद्रशेखर व परियोजना अधिकारी उमेश त्यागी समेत 16 अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार के आरोपों में फंस गए हैं। शासन के आदेश पर विजिलेंस की जांच में आरोप सही पाए गए। जिसके बाद तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी समेत 16 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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कासगंज में वर्ष 2010-2011 के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती में अपात्रों अभ्यर्थियाे की नियुक्ति की शिकायत शासन में की गई थी। इसके अलावा इंदिरा गांधी आवास आवंटन में पात्र आवेदकों की जगह अपात्रों का लाभ व विधायक निधि के दुरुपयोग के आरोप थे। शासन द्वारा इसकी विजिलेंस को इसकी जांच दी गई थी। विजिलेंस ने भर्ती से संबंधित दस्तावेजों, निकाली गई विधायक निधि और आवंटित आवासों की छानबीन की।

जिसमें सरकारी राशि का गबन, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप सही पाए गए। छदामी लाल इंटर कालेज की मैनेजर ममता ने विधायक निधि से स्कूल की मरम्मत के नाम रकम ली। मगर, इसका सदुपयोग नहीं किया गया। विजिलेंस ने अपनी जांच तत्कालीन सीडीओ चंद्रशेखर सिंह, परियोजना अधिकारी उमेश त्यागी, खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार मिश्रा एवं अनुज श्रीवास्तव, इंटर कालेज की मैनेजर ममता समेत 16 लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए।

इन सभी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी थी। शासन द्वारा मुकदमा दर्ज करने अनुमति देने के बाद आरोपितों के खिलाफ विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी विजिलेंस रवि शंकर निम ने बताया तत्कालीन सीडीओ चंद्रशेखर वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।    

तीन बिंदुओं पर की गई जांच

-आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती में अनियमितता, अपात्रों काे नियुक्ति करना

-इंदिरा गांधी आवास आवंटन में पात्र लोगों की जगह अपात्रों को लाभ पहुंचाना

-स्कूलों की मरम्मत के लिए निकाली गई विधायक निधि की धनराशि का दुरुपयोग करना

तत्कालीन सीडीओ और परियोजना अधिकारी समेत 16 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी गबन, लोक सेवक द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने की धाराओं में विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसकी विवेचना की जा रही है।

रवि शंकर निम, एसपी विजिलेंस  


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