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CoronaVirus : 31 तक न बनाएं आगरा के स्‍मारकों देखने का प्‍लान, ताज सहित सभी स्‍थल किये गए बंद

CoronaVirus देश के सभी एति‍हासिक स्‍मारकों को 31 मार्च तक बंद रखने की हुई घोषणा। ताजमहल आगरा किला फतेहपुर सीकरी सिकंदरा सहित एत्‍माद्दौला में प्रवेश निषेध।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:39 AM (IST)
CoronaVirus : 31 तक न बनाएं आगरा के स्‍मारकों देखने का प्‍लान, ताज सहित सभी स्‍थल किये गए बंद
CoronaVirus : 31 तक न बनाएं आगरा के स्‍मारकों देखने का प्‍लान, ताज सहित सभी स्‍थल किये गए बंद

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना का कहर दुनियाभर में अपनी दहशत बरपा रहा है। चीन के बाद इटली, ईरान, साउदी अरब सहित यूरोपियन देशाेें के साथ भारत में भी इसकी दहशत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। अकेले आगरा की बात करें तो आठ Covid 19 पॉजीटिव केस सामने आने से हड़कंंप की स्थिति बन गई है। कोरोना संक्रमण के फैलते दायरे को देखते हुए भारत सरकार ने एतिहासिक स्‍मारकों और म्‍यूजियम को 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला लिया है। इस फैसले में आगरा के सभी एतिहासिक स्‍मारक भी शामिल हैं।

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हेरिटेज स्‍मारक ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी सहित सिकंदरा और एत्‍माद्दौला में 31 मार्च तक पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। संस्‍कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण को तत्‍काल सभी स्‍मारकों को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। इतिहास में ऐसा दूसरी बार होगा जब ताज महल में पर्यटकों का प्रवेश इतने दिनों के बंद कर दिया जाएगा। इससे पूर्व 1971 में भारत पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान ताजमहल को बंद कर दिया गया था। सरकार के इस फैसले के बाद पर्यटन उद्योग को खासा नुकसान होने की भी संभावना है।

बता दें कि आगरा के मेयर नवीन जैन ने 7 मार्च को ही सरकार से देश के सभी एतिहासिक स्‍मारकों को कोरोना का कहर थमने तक बंद करने की अपील की थी। 15 मार्च को प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी स्‍कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्‍थान, कोचिंग, मॉल, मल्‍टीप्‍लेक्‍स 23 मार्च तक बंद कर दिए गए थे। प्रशासन द्वारा जनता से अपील की गई है कि भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें। आगरा में होने वाले विभिन्न कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। सड़कों पर भी भीड़ कम दिखाई दे रही है। वहीं बाजारों में भी सन्नाटा फैला हुआ है।

​​​​​1971 में काले कपड़े से ढका गया था ताज

भारत- पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान साल 1971 में ताज महल पर खतरा मंडराने लगा था। उस वक्‍त ताजमहल को काले कपड़े से ढका गया था, ताजमहल के मुख्य गुंबद और चारों मीनारों को काले कपड़े से ढका गया था। मुख्य गुंबद पर बल्लियों की पाड़ लगाकर काले कपड़े को नीचे तक लटकाया गया। गुंबद के फर्श पर पेड़ों की शाखाओं को काटकर डाला गया और हरी घास बिछाई गई ताकि यह चांदनी रात में नजर न आ सके और पाकिस्‍तानी विमानों को ताज महल की जगह हरियाली नजर आए। यह खतरा इसलिए भी था कि पाकिस्‍तानी विमानों ने ताजमहल से करीब 10 किमी दूर एयरफोर्स स्‍टेशन पर बम गिराए थे। युद्ध के दौरान पूरे 15 दिन तक ताजमहल को आम पर्यटकों के लिए बंद रखा गया था।

मेयर की अपील के बाद पड़ा कारोबार पर असर

7 मार्च को आगरा के मेयर नवीन जैन ने प्रेसवार्ता बुलाकर सरकार से ताजमहल सहित देश के सभी स्‍मारकों को बंद करने की अपील की थी। ऐसा उन्‍होंने पर्यटकों के आगमन के कारण कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कहा था। मेयर की इस अपील के बाद से पर्यटकों की संख्‍या कम होने लग गई थी। कई टूर ऑपरेटर्स के टूर कैंसिल हो गए थे। पर्यटक टूर ऑपरेटर्स से फोन करके पूछने लगे थे कि ताजमहल क्‍या बंद है।

ताज पर पर्यटकों की तुलनात्मक स्थिति

पर्यटक, गुरुवार, शनिवार

भारतीय, 12683, 13106

विदेशी, 3455, 2091

सार्क, 290, 116

कुल, 16428, 15313

ताज पर सात मार्च (पिछले शनिवार) को स्थिति

भारतीय, 13837

विदेशी, 2930

सार्क, 371

कुल, 17138

आगरा किला पर शनिवार को पहुंचे पर्यटक

भारतीय, 4189

विदेशी, 911

सार्क, 40

कुल, 5140  


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