Corona Warriors: कोरोना वायरस को हराने के लिए दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे हैं आगरा में वारियर्स
रमजान में रोजा रखकर कोविड के मरीजों की सेवा में जुटे शाहरुख। पीपीई किट पहनकर काफी गर्मी को सहन कर रहे फिर भी नहीं डिगे कदम। एसएन की स्टाफ नर्स सीमा पिता का देहांत होने के बाद भी वह तुरंत ही अपनी ड्यूटी पर लौट आईं।
आगरा, जागरण संवाददाता। धर्म के साथ-साथ शाहरूख अपना पेशेगत धर्म भी बखूबी निभा रहे हैं। वह इन दिनों सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं। इसके साथ ही उनके इन दिनों रोजा भी चल रहे हैं। इन दिनों वह अपने परंपरागत धर्म और पेशेवर धर्म दोनों को साथ में निभा रहे हैं।
शाहरूख बताते हैं कि वह पेशे से एक वार्ड ब्वॉय हैं और इन दिनों उनकी ड्यूटी कोविड वार्ड में लगी हुई है। वह सुबह दस बजे अपनी ड्यूटी पर वार्ड में जाते हैं, इसके बाद नये मरीजों को एडमिट कराना, पुराने मरीजों को शिफ्ट करने के साथ-साथ मरीजों को खाना खिलाना और उनकी देखभाल करना इत्यादि कार्य करते हैं। वह बताते हैं कि कई मरीज तो ऐसे होते हैं जो हिल-डुल भी नहीं सकते हैं। उन्हें भी वह संभालते हैं।
गर्मी के इन दिनों में पीपीई किट पहनकर छह घंटे लगातार ड्यूटी करनी पड़ती है। इस दौरान लगातार पसीना निकलता रहता है। रोजा भी चल रहा है। इस कारण पानी भी नहीं पी सकते हैं। शाहरुख बताते हैं कि रात को ढाई बजे उठकर वह सहरी करते हैं, इसके बाद नमाज पढ़ने के बाद फिर सो जाते हैं। सुबह सात बजे उठकर फिर से अपनी ड्यूटी के लिए तैयार होते हैं। शाम को ड्यूटी करने के बाद इफ्तारी करते हैं। वह कहते हैं कि मुझे खुद पर गर्व है कि रमजान के मुकद्दस दिनों में मुझे इतने लोगों की सेवा करने का मौका मिल रहा है।
परिवार से दूर रहकर सीमा कर रही कोविड वार्ड में ड्यूटी
स्टाफ नर्स सीमा सक्सेना इन दिनों कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही हैं। वह कोविड महामारी को हराने के लिए एक फौजी की तरह काम कर रही हैं। हाल ही पिता का देहांत होने के बाद भी वह तुरंत ही अपनी ड्यूटी पर लौट आईं। अब वह लगातार कोविड मरीजों की सेवाएं कर रही हैं। सीमा बताती हैं कि उनके घर में तीन भाई और मां हैं। मां से कभी-कभी फोन पर बात हो पाती है, लेकिन कोरोना वायरस से इस जंग में वह घर से दूर रहने को भी तैयार हैं।
सीमा बताती हैं कि वह कोरोना के मरीजों को सांत्वना देने की कोशिश करती हैं। बताती हैं कि इस वक्त मरीज काफी डरे हुए हैं। ऐसे में वह मरीजों की लगातार काउंसलिंग करती हैं। उन्हें समझाती हैं कि आप हिम्मत रखेंगे तो कोरोना वायरस के संक्रमण को मात दे पाएंगे। उन्होंने बताया कि मरीज वार्ड में अपने परिजनों से नहीं मिल पाते हैं ऐसे में उन्हें अकेलापन महसूस होता है। इसलिए हम कोशिश करते हैं कि उन्हें घर की याद नहीं आए। उन्हें खाना खिलाने से लेकर उनको दवा खिलाने तक का काम करते हैं। वह बताती हैं कि हम मरीजों के मनोरंजन का भी ध्यान ऱखते हैं। उन्हें म्यूजिक भी सुनाते हैं। सीमा बताती हैं कि हम बिना डरे लगातार काम कर रहे हैं, क्योंकि कोविड को बिना डरे ही हराया जा सकता है।