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World Toilet Day 2020: इनकी सोच को सलाम, शौचालय बनवा कर लिया दम

शौचालय में देरी पर डीएम से लेकर नगरायुक्त से की शिकायतें। खुले में शौच से मिली राहत अब तक 16905 बन चुके हैं शौचालय। एक साल के भीतर 15 हजार शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य मिला था। अब तक 16905 शौचालय बन चुके हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 04:21 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 04:21 PM (IST)
World Toilet Day 2020: इनकी सोच को सलाम, शौचालय बनवा कर लिया दम
खुले में शौच से मिली राहत, अब तक 16905 बन चुके हैं शौचालय।

आगरा, जागरण संवाददाता। माईथान निवासी गीता देवी तीन साल पूर्व तक खुले में शौच के लिए जाती थीं। बारिश हो रही हो या फिर ठंड पड़ रही हो। सुबह जल्द लोटा लेकर निकलना पड़ता था। 10 फरवरी 2017 को शौचालय बनवाने के लिए नगर निगम में आवेदन किया। सप्ताह भर तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर डीएम और नगरायुक्त से शिकायत की गई। पांच बार नगर निगम कार्यालय के चक्कर लगाए। तब जाकर छह मार्च को पहली और 24 मई 2017 को दूसरी किस्त रिलीज हुई। आठ हजार रुपये से शौचालय बना।

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- शिव नगर निवासी किरण देवी ने मार्च 2017 में शौचालय बनवाने के लिए नगर निगम में आवेदन किया। किरण देवी बताती हैं कि अगर दोपहर में पेट खराब हो तो भगवान मालिक था। शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी। शौचालय को लेकर स्वजनों से कई बार झगड़ा भी हुआ। तब जाकर स्वजन राजी हुए। नगर निगम कार्यालय में तीन बार जाना पड़ा। तब जाकर चार अप्रैल 2018 को शौचालय का निर्माण हो सका।

- नरायच निवासी उर्मिला देवी बताती हैं कि खुद के पास इतने पैसे नहीं थे कि शौचालय का निर्माण करवाया जा सके। लंबे समय तक खुले में शौच के लिए जाना पड़ा। फरवरी 2018 में नगर निगम में आवेदन किया। तीन अप्रैल को चार हजार रुपये की पहली किस्त और तीन अक्टूबर 2018 को चार हजार रुपये की दूसरी किस्त मिली। तब जाकर शौचालय का निर्माण हुआ। उर्मिला बताती हैं कि शौचालय बनवाने के लिए परेशान होना पड़ा है।

स्वच्छ भारत मिशन में बने शौचालयों के यह तीन ही उदाहरण हैं। गीता, किरण और उर्मिला की सोच को सलाम, जिन्होंने शौचालय बनवा कर ही दम लिया। किशोरपुरा निवासी सविता ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए दो बार कलक्ट्रेट और तीन बार नगर निगम के चक्कर लगाने पड़े। डीएम और नगरायुक्त से शिकायत करनी पड़ी। तब कहीं जाकर जून 2019 में शौचालय का निर्माण हुआ। लोहामंडी निवासी बिन्नी देवी ने बताया कि बिना आर्थिक मदद के शौचालय बनवाना कठिन था। शौचालय बनने से खुले में शौच से राहत मिल गई है। उधर, नगर निगम प्रशासन को एक साल के भीतर 15 हजार शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य मिला था। अब तक 16905 शौचालय बन चुके हैं।

फैक्ट

- नगर निगम के सौ वार्ड में 144 कम्युनिटी और 65 पब्लिक टायलेट हैं।

- महिलाओं की सहूलियत के लिए संजय प्लेस, एमजी रोड, राजा की मंडी सहित दर्जनभर क्षेत्रों में 30 पिंक टायलेट बनाए गए हैं।

- शौचालय निर्माण के लिए जो भी आवेदन आते हैं। जांच के बाद पहली किस्त रिलीज की जाती है।

नवीन जैन, मेयर

- नगर निगम के सौ वार्ड में खुले मेें शौच को पूरी तरह से खत्म किया जा रहा है। सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।

निखिल टीकाराम, नगरायुक्त 


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