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Inter District Transfer: अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया, करीबी जिला पाने की मची होड़

Inter District Transfer दोपहर तक चार करीबी ब्लाक हुए फुल। करीब के या एचआरए विद्यालय रहा पसंद। आगरा के शाहगंज स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शनिवार शाम तक 330 शिक्षिकाओं को विद्यालय आवंटित कर दिए गए।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 05:49 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 05:49 PM (IST)
Inter District Transfer: अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया, करीबी जिला पाने की मची होड़
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शनिवार शाम तक 330 शिक्षिकाओं को विद्यालय आवंटित कर दिए गए।

आगरा, जागरण संवाददाता। बेसिक शिक्षा परिषद की अंतर जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में शनिवार शाम तक 330 महिला शिक्षकों को पसंद का विद्यालय आवंटित कर दिया गया। शुरुआती चरण में प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद के शिक्षकों को विद्यालय आवंटन प्रक्रिया चल रही है, जिसमें महिलाओं के बीच करीब का ब्लाक पाने की होड़ नजर आई।

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शाहगंज स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शनिवार शाम तक 330 शिक्षिकाओं को विद्यालय आवंटित कर दिए गए। जबकि जिले के प्राथमिक विद्यालयों के लिए कुल 366 महिलाएं और 10 दिव्यांग शिक्षकों के साथ 63 पुरुष भी आवंटित हुए थे। महिला शिक्षकों को विद्यालय आवंटित होने के बाद पुरुष शिक्षकों को भी शनिवार को ही विद्यालय आवंटन की कोशिश की जाएगी।

180 को हुआ था पहले दिन आवंटन

विद्यालय आवंटन की यह प्रक्रिया शुक्रवार दोपहर तीन बजे करीब शुरू हो पाई थी, क्योंकि शासन स्तर से शिक्षकों के क्रम और जिले के रिक्त विद्यालयों की सूची ही डेढ़ बजे उपलब्ध हो पाई थी। शुक्रवार को करीब 180 महिला और दिव्यांग शिक्षकों की काउंसिलिंग कराकर उन्हें विद्यालय आवंटित कर दिए गए थे। बाद में सर्वर की दिक्कत के बाद शेष अभ्यर्थियों को शनिवार को बुलाया गया था। इनकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राथमिक के प्रधानाध्यापक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों की काउंसिलिंग संपन्न होगी।

दोपहर को ही फुल हुए करीबी ब्लाक

शहर के करीब ब्लाक लेने की महिलाओं में जबरदस्त मारामारी थी। स्थिति यह थी कि शनिवार दोपहर होते-होते बिचपुरी, अकोला, बरौली अहीर और अछनेरा ब्लाक फुल हो गए। जबकि महिला शिक्षकों की संख्या पूरी होने तक आसपास ही नहीं, 40 किमी तक के ज्यादातर विद्यालय भर चुके थे। इस कारण पुरुष शिक्षकों के लिए दूर के ही विद्यालय बचे।


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