ट्विटर पर संज्ञान, धरातल पर नहीं हो रहा समाधान
बिजली बिल और नलकूप के लिए उपकरण न मिलने पर की थी शिकायत
केस-1
बिचपुरी निवासी राजेश के पास दो किलोवाट का बिजली कनेक्शन है। जनवरी से उसका बिल ज्यादा आने लगा। इससे उस पर बकाया भी हो गया। संशोधित कराने के लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन बिल सही नहीं हुआ। उसने उप्र पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन को ट्वीट कर शिकायत की। चेयरमैन की तरफ से लिखा कि आपकी शिकायत संबंधित अधिकारी को प्रेषित कर दी गई है, पर अभी तक राजेश की समस्या जस की तस है।
केस-2
कागारौल के गांव चीतपुर निवासी सूरजपाल ने पिछले वर्ष नलकूप के कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। 95 हजार रुपये असेसमेंट के भी जमा कर दिए। इसके बाद खंभा, तार और ट्रांसफारमर मिलना था, लेकिन कुछ सामान नहीं मिला। उसने भी ट्विटर पर शिकायत की। शिकायत स्टोर को प्रेषित कर दी, लेकिन सूरजपाल को अभी सामान नहीं मिला है।
जागरण संवाददाता, आगरा: बिजली विभाग ट्विटर पर सक्रिय है। तार जोड़ने से लेकर बिल जमा कराने तक की जानकारी ट्विटर पर पोस्ट की जाती है। यहां हुई शिकायत को संज्ञान में तो लिया जाता है पर धरातल पर इसका समाधान नहीं होता। ऊपर लिखे दो मामले इसकी बानगी हैं। हकीकत में उपभोक्ता समस्या के समाधान के लिए बिजलीघरों के चक्कर लगा रहे हैं, पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के सभी अधिकारियों ने उप्र पावर कार्पोरेशन के आदेश पर वर्ष 2018 में आफिशियल ट्विटर अकाउंट बनाए थे। विभाग से जुड़ी सारी गतिविधियां अकाउंट पोस्ट करते हैं। कई उपभोक्ता ट्विटर पर ही शिकायत करते हैं। इन शिकायतों को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और उप्र पावर कार्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन संज्ञान लेते हैं और संबंधित अधिकारी को शिकायत प्रेषित करते हैं। इसके बावजूद उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान नहीं हो रहा। ये होती हैं अधिकतर शिकायतें
ट्विटर पर ट्रांसफारमर बदलने, बिजली बिल गलत बनने और बिजली कटौती, मीटर जंपिग और रीडिग ज्यादा आने की शिकायत ज्यादा होती हैं। दैनिक जागरण ने भी इन शिकायतों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उपभोक्ता लिखित और ट्विटर पर शिकायत करते हैं। संज्ञान में आने पर समाधान किया जाता है। कई शिकायतें निपटाने में समय लगता है।
हरीश बंसल, अधीक्षण अभियंता डीवीवीएनएल