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छोटा लेकिन मारने में सबसे तेज है 'तेजस', जानें क्‍या कहते हैं इसकी कॉकपिट के डिजायनर

कई वर्षों बाद जन्मस्थली पटियाली आए साइंटिस्ट आरके मिश्रा। भारतीय एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के शीर्ष वैज्ञानिकों में रहे शुमार।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 01:53 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 01:53 PM (IST)
छोटा लेकिन मारने में सबसे तेज है 'तेजस', जानें क्‍या कहते हैं इसकी कॉकपिट के डिजायनर
छोटा लेकिन मारने में सबसे तेज है 'तेजस', जानें क्‍या कहते हैं इसकी कॉकपिट के डिजायनर

आगरा, जेएनएन। स्वदेशी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट 'तेजस' इसी जनवरी को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। हल्का मगर ताकतवर, छोटा मगर छरहरा, पलक झपकते ही हवा में बातें करने वाले इस विमान की तकनीक पर दुनिया फिदा है। इसके कॉकपिट को डिजाइन करने वाले साइंटिस्ट आरके मिश्रा तो फक्र महसूस करते हैं।

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मूलरूप से पटियाली के रहने वाले आरके मिश्रा ने प्रारम्भिक शिक्षा यहां से ली, इसके बाद इलाहाबाद से उच्चशिक्षा लेने के बाद एयरोनोटिकल वैज्ञानिक बने। वे वर्ष 1995 से लेकर वर्ष 2006 तक वह भारत के पहले पूर्ण स्वदेशी 'तेजस' लड़ाकू विमान बनाने बाली भारतीय एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के शीर्ष पांच सदस्यीय वैज्ञानिक दल का हिस्सा रहे। 2006 में सेवानिवृत्त होकर बेंगलूरु में बस गए।

परिवार के एक शादी समारोह में वे गत दिवस ही पटियाली आए। जन्मस्थली आकर वे गदगद हो गए। आरके मिश्रा ने तेजस को लेकर अपने अनुभव साझा किए। बताया कि वायु सेना की अधिक से अधिक सामरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजस लड़ाकू विमान का कॉकपिट डिस्प्ले मॉनीटर डिजाइन किया था। तेजस दुनिया का सबसे छोटा, हल्का और बहुभूमिका वाला एकल इंजन वाला एक सामरिक लड़ाकू विमान है। इसकी तकनीक दुनिया के किसी भी अत्याधुनिक विमान को चुनौती देने वाली है। तेजस के भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर वे बेहद उत्साहित हैं। तेजस की कॉकपिट डिजाइन करने के अलावा उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी मानव रहित टोही विमान यूएवी निशांत को भी डिजाइन करने में अहम भूमिका निभाई है। आरके मिश्रा बताते हैं कि उन्होंने विख्यात वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी लंबे समय तक कार्य किया है।

ये है तेजस की खूबियां

-पलक झपकते ही आसमान की बुलंदियों में पहुंच जाता हैं।

-200 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से आसमान का सीना चीर सकता है।

-ये 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

-9,5000 किलो वजन के साथ उड़ान भर सकता है।

-डर्बी और अस्त्र मिसाइल से लैस हो सकता है।

-लेजर गाइडेड बम से हमला करने में सक्षम।

-कम ऊंचाई पर उड़कर दुश्मन पर नजदीक से निशाना साध सकता है।

-इसकी लंबाई 13.20 मीटर है। ये 5,680 किलोग्राम भारी है।

-इसकी सुपरसोनिक रफ्तार 1.8 मेक है।

-इसकी रेंज 3,000 किलोमीटर है। 


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