पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी ने अटका दिया काम, जानिए कैसे
सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल है याचिका 12 पेड़ भी काटने हैं सिविल एन्क्लेव परिसर में
आगरा, जागरण संवाददाता। सिविल एन्क्लेव के निर्माण का काम पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी में अटक गया है। करीब आठ माह से एनओसी के लिए फाइल पड़ी है। उधर, सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल है।
सिविल एन्क्लेव के निर्माण में लगातार देरी हो रही है। धनौली और आसपास के गांवों की जमीन पर सिविल एन्क्लेव का निर्माण होना है। करीब 19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। बीते फरवरी में राज्यपाल से इसका शिलान्यास कराने की तिथि भी तय हो गई, लेकिन पर्यावरण मंत्रालय और टीटीजेड से अभी तक एनओसी नहीं मिली है। ये हाल तब है जबकि दिसंबर में हुई बैठक में पर्यावरण मंत्रालय ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन एनओसी अब तक जारी नहीं हो सकी है। दरअसल, टीटीजेड के कारण ताजनगरी में वर्गीकरण किया गया है और सिविल एन्क्लेव को इंडस्ट्री की श्रेणी में रखा गया है। इंडस्ट्री पर प्रतिबंध होने के कारण एनओसी जारी नहीं हो पा रही है। अब मुख्य सचिव ने लखनऊ में बैठक कर इस पर चर्चा तो जरूर की, लेकिन जब तक एनओसी नहीं मिलेगी, तब तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। सिविल एन्क्लेव के लिए खरीदी गई जमीन पर 12 पेड़ खड़े हैं, इन्हें काटने की अनुमति भी मांगी गई है। हालांकि इसके बदले एयरपोर्ट अथॉरिटी तीन हजार पौधे लगाने का प्रस्ताव दे चुकी है। इंडस्ट्री श्रेणी से हटाने को याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एमसी मेहता ने एक याचिका भी दाखिल की है। जिसमें सिविल एन्क्लेव को इंडस्ट्री श्रेणी से हटाने की मांग की है। इस पर 12 जुलाई को सुनवाई होनी है। जेवर एयरपोर्ट के लिए आगरा का अहित किया गया है। राजनीतिक तरीके से ही इसका निदान हो सकता है। टीटीजेड प्राधिकरण में इसके लिए बात राजनीतिक स्तर पर होगी तो बेहतर होगा।
अनिल शर्मा, सचिव, सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा। एक नजर
24 एकड़ अधिग्रहीत की जानी थी सिविल एन्क्लेव के लिए जमीन।
19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया।
178 करोड़ रुपये से होना है निर्माण।
75 फीसद बाउंड्रीवाल भी बन चुकी है।