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तीन दिन की मासूम छोड़ दी थी लावारिस, तीन साल बाद न्‍यूजीलैंड में मिली मां की गोद

गाेद लेने न्यूजीलैंड से आए दंपती एक साल से बेटी को ले जाने के लिए थे बेताब। मासूम बेटी को देखते ही दौड़कर गोद में ले लिया मां ने आंचल में छिपाए बैठी रही। फीरोजाबाद में तीन साल पहले तीन दिन की बच्ची को लावारिस छोड़ गई थी मां।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:29 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:29 AM (IST)
आगरा के राजकीय शिशु गृह से न्‍यूजीलैंड के दंपती बच्‍ची को गोद लेकर गए हैं।

आगरा, अली अब्बास। दुनिया में जितने वतन, उतनी ही जुबां बोली जाती हैं। मगर, प्यार की एक ही जुबां होती है, जिसे तीन साल की मासूम और सात समंदर पार से उसे लेने आई एक मां से बेहतर शायद ही कोई समझ सकता था। मां ने तीन साल की मासूम बेटी को सामने देखा तो बरबस ही आंखों में आंसू आ गए। दौड़कर उसे गोद में ले लिया, तीन घंटे उसे सीने से लगा आंचल में छिपाए रही। उस पर अपना सारा प्यार एक बार में लुटा देना चाहती थी। मासूम भी उसके सीने में धड़कते प्यार भरे दिल के अहसास को महसूस कर रही थी। उससे लिपटी रही, इस डर से कि कहीं जुदा न हो जाए।

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तीन साल पहले राजकीय शिशु गृह में फिरोजाबाद से तीन दिन की अबोध बच्ची आई थी। जिसे जन्म देने वाली मां हालात के चलते छोड़कर चली गई थी। मासूम की मैचिंग करीब एक साल पहले न्यूजीलैंड के दंपती के साथ हुई। उसे गोद लेने वाली मां एक साल से वीडियो काल के माध्यम से लगातार संपर्क में थी। मां और मासूम के बीच में प्यार का एक अटूट रिश्ता कायम हो गया था। मासूम उसे मदर कहकर बुलाती तो विदेश में बैठी दत्तक मां की आंखों से आंसू छलक उठते थे।

दंपती चार जनवरी को आगरा पहुंचे। वह अपने साथ दाेभाषिया को नहीं लाए थे। मगर, एक मां को दोभाषिया से ज्यादा अपने प्यार और उस अहसास पर यकीन था। जो उनके बीच भाषा की दीवार नहीं आने देते। हकीकत में यही हुआ। गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने के दौरान स्टाफ ने महिला से कई बार यह कहा कि वह थक गई होगी। बालिका को गोद से उतार दे, लेकिन महिला उसे उतारने को राजी नहीं हुई। वह उसे अपने साथ न्यूजीलैंड लेकर चले गए।

बेटी के पहुंचने से पहले ले ली उसकी नागरिकता

गोद लेने वाले दंपती विशेषकर मां बेटी को अपनाने के लिए इतनी बेताब थी। उसने बालिका को अपने साथ ले जाने से पहले यहां से मिली अनापत्ति प्रमाण पत्र की मदद से उसकी न्यूजीलैंड की नागरिकता ले ली थी। यही नहीं उसका कमरा खिलौनों से भर दिया था। वीडियो काल से बेटी को इन सारी चीजों को दिखा चुकी थी।

किस्मत ने तय कर दिया था विदेशी मां

मासूम की किस्मत में भारतीय माता-पिता नहीं थे। ईश्वर ने पहले से ही तय कर रखा था कि दुनिया में सबसे ज्यादा चाहने वाली मां न्यूजीलैंड में रहती है। जो उसे अपने साथ लेकर जाएगी। बालिका की मैचिंग दो साल पहले लखनऊ के एक दंपती से हो गई थी। वह उसे गोद लेने की प्रक्रिया पूरी कर जून 2020 में अपने साथ ले गए थे। मगर, दो सप्ताह बाद ही उसे वापस कर गए। मैचिंग के दौरान ही महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। दंपती के लिए एक साथ दो बच्चों को संभालना मुश्किल हो रहा था।

बालिका की न्यूजीलैंड के दंपती के साथ मैचिंग हुई थी। जिसके बाद से वह वीडियो काल के माध्यम से लगातार बालिका के संपर्क में थे। गोद लेने की प्रक्रिया पूरी कर दंपती बालिका को साथ ले गए।

विकास कुमार, अधीक्षक राजकीय शिशु एवं बाल गृह


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