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चंबल का रौद्र रूप, 15 गावों का तहसील से संपर्क टूटा

बाह क्षेत्र में खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर बह रही चंबल नदी उमरैठा पुरा गांव में घरों में घुसा पानी ऊंचे इलाकों में शरण ले रहे लोग

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 06:00 AM (IST)
चंबल का रौद्र रूप, 15 गावों का तहसील से संपर्क टूटा
चंबल का रौद्र रूप, 15 गावों का तहसील से संपर्क टूटा

जागरण टीम, आगरा। चंबल नदी बुधवार को खतरे के निशान (132 मीटर) को पार कर 134.5 मीटर पर पहुंच गई। इसके साथ ही बाह तहसील के 15 गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। उमरैठा पुरा गांव जलमग्न हो गया है। लोगों के घरों, झोपड़ी, पशु बाड़ा तक पानी पहुंच गया। यहां के लोगों ने ऊंचे इलाकों में शरण ली है। कई गांवों में बिजली काट दिए जाने से लोगों को जलीय जीवों का खतरा सता रहा है। उधर, शहर में यमुना नदी लाल निशान से दो कदम दूर बह रही है। बुधवार को वाटरव‌र्क्स पर जलस्तर 492 फीट पहुंच गया। 495 फीट लो फ्लड लेवल है। यमुना उफनने से दयालबाग, मोहनपुर, खासपुर, बाईपुर मुस्तकिल समेत एक दर्जन गावों में खेत पानी में डूब गए हैं। गोकुल बैराज से रिकार्ड 49,281 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। बुधवार को डीएम प्रभु एन सिंह ने प्रभावित गावों में हालात का जायजा लिया। बाढ़ग्रस्त गाव में स्टीमर व मोटरबोट से आवाजाही शुरू कराई गई है। 2019 में 136 मीटर पर पहुंच गई थी चंबल नदी

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आगरा के बाह तहसील क्षेत्र में 2019 के बाद चंबल नदी रौद्र रूप में है। तब नदी का जलस्तर 136 मीटर पहुंच गया था। बुधवार को नदी का जलस्तर 134.5 मीटर दर्ज किया गया। इसका असर यह हुआ कि 15 गांवों के संपर्क मार्गो पर काफी पानी भर गया। ये सभी गाव चंबल नदी से सटे हैं। घरों में पानी घुसने पर लोग अपना सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचते रहे। प्रशासन ने तटवर्ती गाव में चौकिया स्थापित की हैं। डीएम ने बताया कि जिन गावों का मुख्यालय से संपर्क टूटा है, उन गावों में प्रशासनिक टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही हैं। गांवों की और दौड़े अधिकारी

चंबल नदी के रौद्र रूप लेते ही अधिकारियों ने गांवों की ओर दौड़ लगा दी। एसडीएम बाह अब्दुल बासित क्यौरी बीच का पुरा, क्यौरी ऊपरी पुरा, उमरैठा पुरा में पहुंचे और लोगों को जागरूक किया। बताया कि रात 12 बजे तक पानी और बढ़ सकता है। वे अपने जरूरी सामान व मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों की ओर चले जाएं। एसडीएम ने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। हर संभव मदद की जाएगी। वन विभाग के डीएफओ सुनील पांडेय, एसडीओ एन. सुधीर, रेंजर अशोक शर्मा समेत अधिकारी पिनाहट घाट पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह भी पिनाहट पहुंचे। राजस्व टीमों ने गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा में जाकर भी लोगों को जागरूक किया। बताया कि इन चारों गांवों में लोगों की मदद के लिए मोटर बोट चल रही हैं। बाढ़ की चपेट में आए गांव

गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढा, भगवानपुरा, कछियारा, रेहा मऊ की मड़ैया, झरनापुरा, सुखलाल पुरा, डालपुरा, उमरैठा का पुरा, क्योरी बीच का पुरा, क्यौरी ऊपरी पुरा, पिनाहट। उमरैठा पुरा हुआ जलमग्न

बुधवार सुबह आंख खुलते ही उमरैठा पुरा के ग्रामीण डर गए। उनकी झोपड़ी, घर पानी में घुस आया था। जमीन पर रखा सारा सामान भीग गया। उन्होंने जरूरत का सामान समेटा और ऊंचे इलाकों की ओर निकलना शुरू कर दिया। 1500 की आबादी वाले उमरैठा पुरा में करीब 150 घर हैं। इनका सारा सामान पानी में भीग चुका है। सामान की आवाजाही को मिले स्टीमर

बाह तहसील मुख्यालय से संपर्क टूटने के बाद भटपुरा के ग्रामीणों महेश यादव, देवदत्त शर्मा, आनंद सिह, राजवीर सिह, गोलू आदि ने स्टीमर की मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए चारा, घर का सामान आदि ले जाने के लिए मुश्किल हो रही है। वहीं गुढ़ा के घन सिंह, होरन सिंह, झरनापुरा के नेत्रपाल, प्रेम सिंह आदि ने कहा कि उनके गांव में अभी तक कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिली है। कई गांवों में बिजली गुल, ग्रामीण चिंतित

नदी में बाढ़ के कारण विद्युत सप्लाई काट देने से ग्रामीणों को जलीय जीवों का खतरा है। गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा और झरनापुरा में दो दिन से बिजली नहीं है। वहीं गुढ़ा में 12 दिन पहले ही बिजली काट दी गई थी। ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बांटी दवा

नदी की बाढ से घिरे गांव उमरेठा पुरा, क्यौरी बीच का पुरा में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैंप लगाया। यहां ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा वितरित की गई। ग्रामीणों को टीलों पर ही शरण लेने और आसपास सफाई रखने की सलाह दी गई। स्वास्थ्य टीम ने क्षेत्र में फागिंग भी कराई। यमुना नदी के तटवर्ती गांवों के खेत लबालब

यमुना नदी में उफान के कारण बाह के तटवर्ती गांव कांकर, चंडीगढ़शाला, गगनकी, बलाई के खेत पानी से लबालब हो गए। कई ग्रामीणों की बाजरे की फसल जलमग्न हो गई है।


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