गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद एससी आयोग के अध्यक्ष ने किया कोर्ट में समर्पण Agra News
2010 के मामले में रेलवे अधिनियम के तहत जीआरपी आगरा कैंट ने दर्ज किया था सांसद राम शंकर कठेरिय पर मुकदमा।
आगरा, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष व इटावा के सांसद प्रो. रामशंकर कठेरिया ने बुधवार को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए उमाकांत जिंदल की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। उनके खिलाफ पांच नवंबर को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट से नौ साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किए थे। कोर्ट ने आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 13 नवंबर को उन्हें पेश करने का आदेश दिया था।
सांसद रामशंकर कठेरिया व अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2010 में प्रदर्शन के एक मामले में जीआरपी आगरा कैंट ने रेलवे अधिनियम की धारा 146,147, 174 आदि में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए उमाकांत जिंदल के कोर्ट में चल रही है। कठेरिया के कई तारीख पर हाजिर नहीं होने पर कोर्ट ने कई बार पुलिस को आदेश जारी कर उन्हें कोर्ट में हाजिर जारी कराने को कहा, फिर भी कठेरिया कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। पांच नवंबर को मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। साथ ही पुलिस को 13 नवंबर को कोर्ट में हाजिर करने को कहा है। प्रो. रामशंकर कठेरिया पूर्व में आगरा से सांसद थे, पिछले संसदीय चुनाव में भाजपा ने उन्हें आगरा के बजाए इटावा से टिकट दिया। वर्तमान में वह इटावा से ही सांसद हैं।