जय कन्हैया लाल की.. जयघोष से गूंज रहा श्रीकृष्ण जन्म स्थान, हर तरफ बढ़ रहा आस्था का समंदर
बारिश और जलभराव की समस्या भी नहीं रोक पा रही भक्तों को। विविध प्रांतों से पहुंचे हजारों भक्त।
आगरा(जेएनएन): निराकार और अजन्मे भगवान के जन्म का उत्सव। भक्तों का सैलाब और आस्था से परिपूर्ण दृश्य। चहुं ओर से जय कन्हैया लाल की..जयघोष। कान्हा की नगरी में प्रेम और आस्था की घनघोर वर्षा हो रही है। एक तरफ जहा इंद्रदेव ब्रज भूमि पर मेहरबान हैं तो वहीं दूसरी तरफ तमाम प्रातों से श्रद्धालुओं का समंदर मथुरा में उड़ रहा है। तेजी से श्रद्धालुओं के कदम भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि की तरफ बढ़ रहे हैं। जन्मभूमि पर लाला के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी हुई है।
सोमवार को कृष्ण कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाएगा इसको लेकर संपूर्ण ब्रजमंडल में तैयारिया चल रही हैं। रविवार की सुबह से ही उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार से श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाने के लिए मथुरा पहुंच रहे हैं। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर लगातार भीड़ उमड़ रही है। यहा तक कि श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से मथुरा आ रहे हैं। भक्ति और आस्था से सराबोर देश विदेश के श्रद्धालु श्री कृष्ण जन्म भूमि के आसपास तो जमे हुए हैं। इसके अलावा होली गेट, कचहरी रोड, भूतेश्वर रोड, गोवर्धन मार्ग, सौंख रोड पर श्रद्धालुओं के समूह नगर में भ्रमण कर रहे हैं। यमुना के घाटों पर भी श्रद्धालुओं की चहल पहल दिखाई दे रही है।
वृंदावन में भी लगातार भीड़ बढ़ रही है। सुबह ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए बाके बिहारी मंदिर पर अच्छी खासी भीड़ रही है। रविवार और जन्माष्टमी का अवकाश होने के कारण श्रद्धालु अपने परिवार के साथ मथुरा आ रहे हैं। हर तरफ सड़कों पर श्रद्धालुओं के वाहन नजर आ रहे हैं। आश्रमों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो गया है।
हरदोई से आए रामबालक ने बताया कि उनके गाव से लोग पूरा ट्रैक्टर भर कर आया है। पिछले 3 साल से है वे लगातार यहा आ रहे हैं। इस बार मौसम कुछ ज्यादा ही खुशनुमा नजर आ रहा है। साथ लाए राशन पानी: समूह में आए श्रद्धालु अपने साथ राशन पानी भी लेकर आए हैं। उनको जहा कहीं भी स्थान मिल रहा है वहीं पर अपना डेरा जमा रहे हैं। अपने साथ लाए गैस सिलेंडर चूल्हा को जलाकर भोजन पका रहे हैं। कई जगह सामूहिक रूप से भोजन कर रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं के बीच आपसी प्रेम संबंध झलक रहा है।