राधे- राधे के संकीर्तन पर झूम रहा है आलौकिक पर्वत, जगह- जगह भजन मंडली, नृत्य कर रहे भक्त
हजारों भक्त पहुंचे राधाष्टमी मेला में। बरसाना में सोमवार की भोर में होगा आदिशक्ति का प्राकट्य।
आगरा(जेएनएन): तपती धूप श्रीराधा के जन्मोत्सव को पहुंचे श्रद्धालुओं के कदमों में बेड़िया डालने में नाकाम रहीं। श्रद्धा का अनवरत प्रवाह बरसाना की तरफ बढ़ता रहा। ब्रह्मागिरी पर्वत राधे राधे की जयघोष से गुंजायमान हो रहा था। वातावरण में भक्ति थी और चारों तरफ लोग राधे नाम की मस्ती में डूबे थे। श्रीराधा बस कुछ ही समय में जन्मेंगी, यह सोचकर वन उपवन, पक्षी चहक उठे तथा बागों में मुरझाये फूल खिल उठे। राधा के जन्म के आगमन से पूर्व खुशी में बरसाना के घर-घर में मंगल गीत गाए जा रहे हैं। आनंद व रस की बारिश में भक्तों के तन मन सराबोर हैं। ब्रज के गोप गोपिकाएं लाड़िली की आने की खुशी में मंगल गीत गा रही हैं। महल में देश- देश के भिक्षुओं द्वारा बधाई गाई जा रही हैं। सबको इंतजार है उस शक्ति का, जिसकी कृपा से ब्रज के ग्वाले ने गिरिराज पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया।
मेरी विनती यही है राधारानी, कृपा बरसाए रखना, हम हो गये दिवाने श्रीराधा नाम के..भजनों से सराबोर कुछ ऐसा ही माहौल नजर आ रहा था राधारानी के गाव बरसाना का। मथुरा जिले के बरसाना के तमाम मन्दिर व धर्मशालाओं में आदिशक्ति की भक्ति की धारा प्रवाह बह रही है। भक्त भक्ति में भाव विभोर होकर नाचने को मजबूर हैं। खूब लगे हैं भण्डारे: राधाष्टमी मेला में श्रद्धालुओं द्वारा राधारानी के भक्तों की प्रसाद व्यवस्था हेतु जगह-जगह भण्डारे लगाए गए हैं। भण्डारों में श्रद्धालुओं द्वारा तरह-तरह के मिष्ठान व पकवान बाटे जा रहे हैं। इस दौरान कई जगहों पर भजन कीर्तन चल रहा है, जहा भक्त आनंदित होकर नाच रहे हैं।