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गोपाष्टमी 2018: पूजी गई भगवान कृष्ण की कपिला, जानिये क्या है इतिहास और महत्व आज के दिन का

शहर से लेकर देहात तक मनाई जा रही गोपाष्टमी। तिथियों में अंतर के कारण शुक्रवार को भी होगा गो पूजन।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 01:20 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 01:20 PM (IST)
गोपाष्टमी 2018: पूजी गई भगवान कृष्ण की कपिला, जानिये क्या है इतिहास और महत्व आज के दिन का
गोपाष्टमी 2018: पूजी गई भगवान कृष्ण की कपिला, जानिये क्या है इतिहास और महत्व आज के दिन का

आगरा [जेएनएन]: गुरुवार को शहर से लेकर देहात तक में द्वापर युग जीवंत हो उठा। गोपाष्टमी पर्व पर जगह जगह गायों का विधि विधान से पूजन हुआ और उन्हें प्रेम पूर्वक भोजन कराया गया। गुरुवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण द्वारा गौ चारण लीला शुरू की गई। इस महत्व को समझते हुए कान्हा की नगरी मथुरा में श्रीमद् भागवत कथा आयोजन समिति द्वारा प्राचीन परंपरागत श्रृंगारित गायों का सामूहिक गो पूजन श्री जी बाबा आश्रम गौशाला किया गया। सुबह से आश्रम में बड़ी संख्या में पदाधिकारी एकत्रित होना शुरू हो गए। उन्होंने विधि विधान से 100 से अधिक गौ माता का पूजन किया और उन्हें भोजन कराया। पूरा आश्रम प्रांगण भगवान श्री कृष्ण और गौ माता के जयकारों से गूंज उठा।

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इस बार दो दिन है गोपाष्टमी

दिवाली के बाद कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 15 नवंबर को है लेकिन कुछ जगहों पर तिथियों में अंतर होने के कारण गोपाष्टमी 16 नवंबर के दिन भी मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. शोनू मेहरोत्रा बताती हैं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि पर माता यशोदा ने भगवान कृष्ण को पहली बार गायों को चराने के लिए जंगल भेजा था। यशोदा माता भगवान कृष्ण को नहीं भेजना चाहती थीं लेकिन भगवान कृष्ण जिद करने लगे। तभी से कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तो गोपाष्टमी मनाई जाने लगी। इस दिन गायों की विशेष रूप से पूजा की जाती है। गाय पूजन से सभी देवी देवतागण प्रसन्न होते हैं।

ऐसे मनाएं गोपाष्टमी पर्व

डॉ. शोनू के अनुसार गोपाष्टमी पर शुभ मुहूर्त में गाय और उसके बछड़े को नहला धुलाकर श्रृंगार किया जाता है। गाय को सजाने के बाद उसकी पूजा और परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद गाय और उसके बछड़े को घर से कुछ दूर ले जा कर उसके साथ समय बिताएं। गोपाष्टमी पर गाय को हरा चारा, हरा मटर एवं गुड़ खिलाएं।

ऐसी मान्यता है जो व्यक्ति गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलता उसको बड़ा पुण्य मिलता है। शास्त्रों के अनुसार गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है और माता का दर्जा दिया गया है इसलिए गौ पूजन से सभी देवता प्रसन्न होते हैं।  


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