आगरा, रसिक शर्मा। गोवर्धन महाराज की भक्ति के समंदर में मचलीं श्रद्धा की लहरों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशी संस्कृति को भी तरबतर कर दिया। भक्ति पुष्पों से आस्था के गुलशन का गोवर्धन मार्ग मानव माला में तब्दील हो गया। चहुंओर भक्तों के समूह ब्रजधरा पर मस्तक झुकाकर कलियुग के देव गिरिराज प्रभु का यशोगान गाते रहे। गौड़ीय भक्तों द्वारा आयोजित अन्नकूट महोत्सव में मन्नतें पूर्ण होने का विश्वास विदेशी भक्तों को भी गोवर्धन खींच लाया।
विभिन्न संस्कृतियों से सजा मेला क्षेत्र मिनी विश्व की तस्वीर बन गया। इस बीच मृदंग मंंजीरों की थाप पर गौड़ीय भक्तों ने सिर पर अन्नकूट प्रसाद की छाबरिया रख, हरि संकीर्तन करते हुए नाचते गाते शोभा यात्रा निकाली और राजा वाले मंदिर पहुंचकर पर्वतराज गोवर्धन का दुग्धाभिषेक किया। दूध की धार करीब दो घंटे तक अनवरत अभिषेक करती रही। भक्तों ने प्रभु को अन्नकूट प्रसाद समर्पित किया। भारतीय भजनों की धुन पर विदेशी भक्ति बेसुध होकर थिरकींं। महोत्सव में इंग्लैंड, रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस आदि के भक्त भारतीय परिधान पहनकर चले तो भारतीय भी अपनी संस्कृति पर गौरवांवित हो उठे।
भारत के विभिन्न प्रदेश पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि के तमाम भक्त भी महोत्सव के साक्षी बने। श्रद्धालुओं ने कुंतलों दूध से शिलाओं का अभिषेक किया तो अन्नकूट प्रसाद का आकलन भी करना मुश्किल हो गया।
बेमिसाल श्रद्धा और बेतादाद भक्ति प्रवाह से गिरिराज महाराज ने दुनिया भर का जलवा गोवर्धन की धरा पर बटोर कर रख दिया। यूं तो ब्रज मण्डल मंदिरों की भूमि है पग-पग पर बने मंदिरों में भक्तों की लाइन लगी रहती है, लेकिन आज तो सिर्फ गिरिराज प्रभु के वैभव की दास्तान तीनों लोकों में सुनाई देने लगी। गौड़ीय भक्तों के स्थानीय पुरोहित गिरधारी लाल शर्मा व नीरज शर्मा ने मंत्रोच्चारण के बीच विधिवत पूजा अर्चना कराई।
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