Multilevel Parking in Agra: ताजनगरी पहुंची सीईसी की टीम, शिल्पग्राम पार्किंग का किया निरीक्षण
Multilevel Parking in Agra पर्यटन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण को दायर की है याचिका। 80 पेड़ों को काटने के लिए अनुमति मांगने की याचिका पर सीईसी को देनी है रिपोर्ट। पश्चिमी गेट पार्किंग और फिर अवंतीबाई चौराहा से रोहता तक रोड का निरीक्षण करेगी।
आगरा, जागरण संवाददाता। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी सीईसी की टीम ताजनगरी में मल्टीलेवल पार्किंग और सड़क के चौड़ीकरण के निरीक्षण को गुरुवार सुबह आगरा पहुंची। टीम ने शिल्पग्राम में निर्माणाधीन पार्किंग का निरीक्षण करने के बाद ताजमहल का रुख किया। टीम यहां से पश्चिमी गेट पार्किंग और फिर अवंतीबाई चौराहा से रोहता तक रोड का निरीक्षण करेगी।
ताजमहल के पश्चिमी गेट स्थित अमरूद का टीला में मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण को 69 पेड़ और पूर्वी गेट स्थित शिल्पग्राम में निर्माणाधीन मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण को 11 पेड़ काटे जाने हैं। पर्यटन विभाग ने दोनों पार्किंग के निर्माण को 80 पेड़ काटने की अनुमति प्राप्त करने को पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जनवरी के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सीईसी को निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। टीम गुरुवार काे 11:30 बजे शिल्पग्राम पहुंची। टीम ने यहां निर्माणाधीन पार्किंग का निरीक्षण किया। यहां 11 पेड़ काटने की अनुमति नहीं होने से मई, 2017 से काम बंद पड़ा है। टीम इसके बाद ताजमहल पहुंची। ताजमहल के बाद टीम पश्चिमी गेट स्थित अमरूद का टीला पार्किंग जाएगी। यहां निरीक्षण के बाद टीम अवंतीबाई चौराहा से रोहता तक सड़क चौडी़करण को काटे जाने वाले पेड़ों की स्थिति देखेगी। सीईसी की रिपोर्ट पर ही पार्किंग का भविष्य निर्भर है। सीईसी के चेयरमैन पीवी जयकृष्णन, सदस्य सचिव महेंद्र व्यास और अमरनाथ शेट्टी, अधिवक्ता एडीएन राव टीम में शामिल हैं। निरीक्षण में एएसआइ, पर्यटन विभाग, एडीए, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौजूद रहे।
2016 में शुरू हुआ शिल्पग्राम में काम
शिल्पग्राम में ताज ओरिएंटेशन सेंटर का शिलान्यास जनवरी, 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। वर्ष 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद प्रोजेक्ट को केवल मल्टीलेवल पार्किंग तक सीमित कर दिया गया। आर्किटेक्ट ने पेड़ों को डिजाइन में शामिल किया था। काम शुरू होने के बाद उसने 11 पेड़ काटने की आवश्यकता बताई थी। पर्यटन विभाग ने पेड़ों को काटने की अनुमति मांगने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के सदियों तक संरक्षण को विजन डाक्यूमेंट इसी याचिका पर मांगा था। विजन डाक्यूमेंट जमा होने के बाद पर्यटन विभाग को दोबारा याचिका दाखिल करने को कहा गया था।