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CBSE: कोरोना से कितनी प्रभावित हुई पढ़ाई, सर्वे कर आंकड़े जुटा रहा बोर्ड

सीबीएसई ने स्कूलों को गुप्त पत्र भेजकर मांगे प्रश्नों के जवाब। आनलाइन शिक्षण विद्यार्थियों से पढ़ाई से दूरी कई बातें हैं समाहित।कोरोना काल में पहली बार रद हुई है बोर्ड परीक्षा। भविष्य की स्थिति को देखते हुए बोर्ड द्वारा सर्वे कराने का अनुमान।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 12:07 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 12:07 PM (IST)
CBSE: कोरोना से कितनी प्रभावित हुई पढ़ाई, सर्वे कर आंकड़े जुटा रहा बोर्ड
सीबीएसई ने कोरोना के पढ़ाई पर प्रभाव को जानने के लिए सर्वे शुरू किया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोविड-19 संक्रमण ने जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। सबसे ज्यादा असर शिक्षा पर पड़ा है। पिछले साल प्राथमिक स्कूल जहां महज कुछ दिनों के लिए खुले, तो वहीं माध्यमिक स्कूल कुछ महीने ही खुल सके। इस शैक्षिक सत्र में स्कूल अब तक एक दिन भी नहीं खुल पाए हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण का स्कूलों, शिक्षा और विद्यार्थियों पर क्या असर पड़ा है, यह जानने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) द्वारा सर्वे कराया जा रहा है।

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इस सर्वे में स्कूलों को आनलाइन शिक्षण से लेकर पढ़ाई से विद्यार्थियों की दूरी और तमाम परिवर्तनों की सूचनाएं बोर्ड को उपलब्ध करानी होंगी। बोर्ड इन सूचनाओं को पूरी तरह गुप्त रखेगा। जिले के कई सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के प्रबंधन को बोर्ड का यह सर्कुलर मिला है, जिसमें दर्ज प्रश्नों का उत्तर स्कूल प्रबंधन को देना होगा।

वर्तमान का आकलन, भविष्य की तैयारी

बोर्ड द्वारा स्कूलों को भेजे गए इस सर्कुलर का आशय स्कूल प्रबंधन यही मान रहे हैं कि बोर्ड अभी से भविष्य की तैयारियों में लग गया है। जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य पुनीत वशिष्ठ का मानना है कि कभी किसी ने नहीं सोचा था कि बोर्ड की परीक्षाएं भी रद हो सकती हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा संभव हो गया। यदि यह बीमारी लंबी चली या ऐसी ही कोई अन्य विपदा आई, तो उस आपात स्थिति के लिए बोर्ड अब पहले से तैयारी रखना चाहता है। यही कारण है कि स्कूलों से सुझाव मांगे जा रहे हैं कि भविष्य में क्या किया जा सकता है?

इसलिए है जरूरी

बोर्ड ने परीक्षा तो रद कर दी है, लेकिन यदि हर बार परीक्षा के समय ऐसी ही स्थिति बनी, तो परीक्षा रद करने का विकल्प हर बार अमल में नहीं लाया जा सकता है। इसलिए परीक्षा कराने के अन्य विकल्पों पर भी मंथन किया जाएगा।


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