बर्खास्त शिक्षकों पर मुकदमा कराने से हिचक रहे खंड शिक्षाधिकारी
बीएसए के आदेश के बाद भी अब तक नहीं कराई गई कार्रवाई जारी होगा रिमांइडर नोटिस तीन दिन का देंगे समय
आगरा, जागरण संवाददाता। फर्जी डिग्री और मार्क्सशीट से जिले के परिषदीय विद्यालयों में नौकरी पाने वाले 168 शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं, लेकिन खंड शिक्षाधिकारियों ने अब तक उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया है। इससे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी (बीएसए) राजीव कुमार यादव नाराज हैं।
बीएसए ने बताया कि कोर्ट और शासन से हरी झंडी मिलने के बाद पिछले हफ्ते 168 शिक्षकों को बर्खास्त कर आदेश उनके पतों पर रजिस्ट्री किया गया था। उनकी सूची संबंधित विद्यालयों व खंड शिक्षाधिकारियों को भेजकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए थे। एक हफ्ते में मुकदमे की कापी और रिपोर्ट भी मांगी गई थी, लेकिन अब तक किसी भी ब्लाक से मुकदमा दर्ज कराए जाने संबंधी कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई है।
कैसे लें जिम्मेदारी
मामले में खंड शिक्षाधिकारियों का कहना है कि बर्खास्त शिक्षकों के कागजात और सत्यापन रिपोर्ट तक उनके पास नहीं है, ऐसे में वह किस आधार पर मुकदमा दर्ज कराएं। बिना साक्ष्य के मुकदमा दर्ज कराने से उनके लिए भविष्य में मुश्किल खड़ी हो सकती है।
जारी करेंगे रिमांइडर
बीएसए का कहना है कि यह कार्रवाई शासन के निर्देश पर की गई है, इसलिए साक्ष्यों से ज्यादा जरूरी शासन के आदेशों का पालन करना है। लेकिन खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा इसमें कार्रवाई न करना गंभीर है। मामले में उन्हें रिमांइडर नोटिस जारी करेंगे और तीन दिन में मुकदमा दर्ज कराकर मुकदमे की कापी और रिपोर्ट भेजने के निर्देश देंगे।
यह है मामला
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बीएड सत्र 2005 की फर्जी मार्क्सशीट और डिग्री से नौकरी पाने वाले 249 शिक्षकों की सूची एसआइटी ने विभाग को सौंपी थी। इनमें से फर्जी पाए गए 195 में से 168 के खिलाफ बीएसए ने बर्खास्तगी आदेश जारी कर उनके पतों पर रजिस्ट्री कर दिया था। जबकि 24 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त कर मुकदमा लिखाया जा चुका था। वहीं तीन मामलों में विधिक राय मांगी गई है।