छुट्टियों में ताजमहल देखने का टूटा ख्वाब, दूसरे दिन भी टिकट नहीं मिलने से पर्यटक हुए मायूस
रविवार के बाद सोमवार को भी ताज देखे बगैर लौटे पर्यटक लपकों द्वारा टिकट बुक करने से नहीं मिलते टिकट पर्यटन उद्यमी ताजमहल पर लागू कैपिंग को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं लपके ब्लैक नहीं कर सकेंगे
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में उबरने की कोशिशों में जुटे आगरा के पर्यटन को बचाना है तो कैपिंग को बढ़ाना होगा रविवार के बाद सोमवार को भी दोपहर का स्लाट शुरू होते ही टिकट खत्म हो गए। पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ा। कैपिंग नहीं बढ़ी तो हर वीकेंड में पर्यटक ताजमहल के दरवाजे से यूं ही मायूस होकर लौटते रहेंगे। कैपिंग बढ़ेगी तो टिकट उपलब्ध होने पर लपके भी ब्लैक नहीं कर सकेंगे।
कोरोना काल में 188 दिनों की बंदी के बाद 21 सितंबर से खुले ताजमहल मेंं कैपिंग लागू है। एक दिन में अधिकतम पांच हजार (सुबह व दोपहर के स्लाट में 2500-2500) टिकट ही बुक हो सकते हैं। ताजमहल जबसे खुला है तभी से हर वीकेंड में दोपहर के स्लाट के सभी 2500 टिकट बुक होने से पर्यटक परेशान हो रहे हैं। ऐसा लपकों द्वारा टिकट बुक किए जाने से होता है। टिकट बुक करने के बाद वो पर्यटकाें को अधिक दाम में टिकट बेचते हैं। वहीं, टिकट बुक नहीं होने की वजह से पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लौटना पड़ता है। सोमवार को दोपहर एक बजे से पहले ही दोपहर के स्लाट के सभी 2500 टिकट बुक हो गए। एडवांस टिकट बुक कराए बगैर ताजमहल पहुंचे पर्यटकों को मायूस होना पड़ा। रविवार को दोपहर 1:30 बजे सभी टिकट बुक होने से सैकड़ों पर्यटकों को ताजमहल देखे बगैर लाैटना पड़ा था। पर्यटन उद्यमी इसके चलते ताजमहल पर लागू कैपिंग को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिससे कि पर्यटकों को टिकट नहीं मिलने की वजह से वापस नहीं लौटना पड़े। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पूर्व की भांति अगर आनलाइन टिकट बुक करते समय पर्यटकों की आइडी को अनिवार्य कर दे तो लपके अधिक टिकट बुक नहीं कर सकेंगे। पर्यटकों की आइडी से टिकट का मिलान भी किया जा सकेगा।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि दिल्ली मुख्यालय को ताजमहल की स्थिति से निरंतर अवगत कराया जा रहा है। टिकट नहीं मिलने की स्थिति में पर्यटकों के ताजमहल देखे बगैर लौटने की जानकारी भी दी गई है। उम्मीद है कि मुख्यालय द्वारा कैपिंग बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा।