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दीपावली पर जुटाई पुरानी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का विधि- विधान से किया विसर्जन

तीन दिन शहर भर में हुआ था कलेक्शन ब्राह्मण परिषद ने कुंड में कराया विसर्जन। मूर्तियां कलेक्शन के लिए बनाए गए स्थानों के साथ ही पेड़ों के नीचे मंदिरों यमुना पर बने फ्लाई ओवर और दूसरे स्थानों पर भी लोग छोड़ गए थे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 04:06 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 04:06 PM (IST)
दीपावली पर जुटाई पुरानी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का विधि- विधान से किया विसर्जन
तीन दिन शहर भर में हुआ था कलेक्शन, ब्राह्मण परिषद ने कुंड में कराया विसर्जन।

आगरा, जागरण संवाददाता। दीपावली पूजन के लिए मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश की नई मूर्तियां हर वर्ष घर लाई जाती है, लेकिन पुरानी मूर्तियों के विसर्जन के लिए परेशान होना पड़ता है। ब्राह्मण परिषद ने शहर भर में तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर कलेक्शन सेंटर बना दीपावली से भाई दूज तक पुरानी मूर्तियों को एकत्रित किया और उन्हें गुरुवार को हाथी घाट पर विधि-विधान से विसर्जित कराया।

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ब्राह्मण परिषद के सदस्य सुनील दुबे ने बताया कि दीपावली पर हर वर्ष लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां आती हैं, लेकिन पुरानी बहुत से लोग मंदिरों में तो कुछ पीपल, बरगद के पेड़ के नीचे रख आते हैं। यमुना पर बने फ्लाई ओवर पर भी दीपावली से पहले और बाद में पुरानी मूर्तियों को पड़ा देखा जा सकता है। इसी समस्या के निदान आैर मूर्तियों को अनादर से बचाने के लिए छोटा सा प्रयास किया गया था। इसमें संगठन के सभी पदाधिकारियों ने विशेष भूमिका निभाई तो आम लोगों का भी सहयोग रहा। परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष राहुल चतुर्वेदी, महामंत्री पंडित ब्रह्मदत्त ने बताया कि बिल्डिंगों, कॉलोनियों, मंदिरों सहित विभिन्न स्थानों पर एकत्रित मूर्तियों को टेंपों के माध्यम से हाथी घाट पर बने कुंड तक पहुंचवाया गया। वहां नगर निगम द्वारा बनाए गए कुंड में विसर्जित किया गया। अगले वर्ष इस कार्यक्रम को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

पेड़ों, मंदिरों से कराया कलेक्शन

परिषद के सदस्यों ने बताया कि मूर्तियां कलेक्शन के लिए बनाए गए स्थानों के साथ ही पेड़ों के नीचे, मंदिरों, यमुना पर बने फ्लाई ओवर और दूसरे स्थानों पर भी लोग छोड़ गए थे। इनकाे भी संगठन ने एकत्रित करा विसर्जित कराया। 


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