Move to Jagran APP

Shoe Industry of Agra: टेंडर की शर्तों ने बिगाड़ा काम, समस्या के निदान को दिल्ली जाएंगे बूट कारोबारी

टेंडर में मानदंडों की शर्तें लगाए जाने से नहीं मिल रहा काम। तीन वर्षों में आगरा में 45 में से 35 बूट फर्में हो चुकी हैं बंद। सरकारी टेंडरों के मानदंड बदलने की मांग की गई। केंद्रीय मंत्री ने उनकी समस्या दूर कराने का आश्वासन दिया।

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 03:57 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 03:57 PM (IST)
Shoe Industry of Agra: टेंडर की शर्तों ने बिगाड़ा काम, समस्या के निदान को दिल्ली जाएंगे बूट कारोबारी
बूट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को सौंपा ज्ञापन।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी के घरेलू जूता कारोबारी केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखने दिल्ली जाएंगे। बूट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को ज्ञापन सौंपकर 30-35 फैक्ट्रियां बंद होने पर अपनी पीड़ा जताई है। सरकारी टेंडरों के मानदंड बदलने की मांग की गई, जिससे छोटे जूता उद्यमी भी काम कर सकें। केंद्रीय मंत्री ने उनकी समस्या दूर कराने का आश्वासन दिया।

loksabha election banner

एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता और सचिव अनिल महाजन के नेतृत्व में 15 जूता कारोबारियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री से मुलाकात की। जूता कारोबारियों ने कहा कि दिल्ली की कुछ फर्में आगरा की फर्मों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही हैं, जिससे पिछले तीन वर्षों से आगरा की फर्मों को टेंडर में कुछ नए मानदंड लगाकर शामिल नहीं करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। आगरा की 45 में से 35 बूट फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं और चार से पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। जिन फर्मों का टर्नओवर पहले आठ करोड़ था, वो घटकर दो करोड़ रह गया है। आगरा की फर्में पहले से ही अपग्रेड व मानदंडों पर खरी हैं। टेंडर में मशीनों से संबंधित शर्तें हैं, उनसे प्रोडक्ट की क्वालिटी नहीं, सिर्फ क्वांटिटी पर फर्क पड़ता है। पिछले 15 वर्षों से आगरा की फर्में सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। क्राइटेरिया लगाए जाने से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। राहुल महाजन, धर्मपाल गुप्ता, रूफ खान, नीना महाजन, पल्लवी, भारती धनवानी, प्रेमसिंह, रामदास, नितिन, हरिओम, सोनू, रोहित, भगवती प्रसाद मौजूद रहे।

200 का जूता तीन गुना कीमत में बिक रहा

एसोसिएशन ने दावा किया है कि आगरा में तैयार एनसीसी के जूते 200 रुपये प्रति जोड़ी में सप्लाई किए गए। बाकी फर्मों ने क्राइटेरिया लगाकर वही जोड़ी 650 रुपये में खरीदी। एक फर्म से कम रेट पर सस्ते प्रोडक्ट खरीदकर, दूसरी फर्म पर अधिक बिल बनाकर जीएसटी की चोरी की जा रही है। डीजीओएस ने एक पार्टी को 1.97 लाख जोड़ी जूतों का आर्डर दिया था, यह आर्डर चार वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.