Move to Jagran APP

भाजपा संगठन की नई नीति से दावेदारों को झटका, नेताजी का बिगड़ा गणित Agra News

पार्टी ने लगाई है नई शर्त ताकि अनुभवी नेता ही संभाले कमान। मंडल अध्यक्ष बनने के लिए पूर्व में सक्रिय सदस्य होना जरूरी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 08:01 PM (IST)
भाजपा संगठन की नई नीति से दावेदारों को झटका, नेताजी का बिगड़ा गणित Agra News
भाजपा संगठन की नई नीति से दावेदारों को झटका, नेताजी का बिगड़ा गणित Agra News

आगरा, जेएनएन। कासगंज जिले के एक ब्लॉक में बीते कई दिनों से भगवा दल के संगठनात्मक चुनाव को लेकर सियासत तेज थी। मंडल अध्यक्ष के लिए दावेदारों में एक चेहरा भी खासी चर्चाओं में था, मगर पार्टी की शर्त से दावेदारी को झटका लगा है तो क्षेत्र के एक नेताजी का भी गणित बिगड़ता दिख रहा है। मंडल अध्यक्ष के जरिए वह लंबे सियासी गणित को साधने की जुगत में थे, लेकिन जिस चेहरे पर दांव लगाने की तैयारी थी, वो पिछली बार सदस्यता के वक्त पार्टी में सक्रिय ही नहीं थे।

loksabha election banner

यह स्थिति सिर्फ एक जगह की नहीं है, बल्कि कई क्षेत्रों में मंडल अध्यक्ष की दावेदारी की तैयारी में जुटे कार्यकर्ताओं को झटका लगा है। पार्टी ने इस नई शर्त को इसलिए जोड़ा है, ताकि पार्टी में मंडल अध्यक्ष जैसे पद पर सिर्फ वही कार्यकर्ता पहुंच सकें, जो पार्टी की रीति एवं नीति से भली भांति वाकिफ हैं। इसके लिए जरूरी है कि पुराने कार्यकर्ताओं को ही यह जिम्मेदारी मिले। यही वजह है पार्टी ने शर्त लगा दी है कि वही कार्यकर्ता दावेदारी कर पाएंगे, जो पिछली बार भी सक्रिय सदस्य रहे हों। बस इस शर्त से ही कइयों की नींद उड़ गई है, क्योंकि कई ऐसे नेता भी मंडल अध्यक्ष की दावेदारी में जुटे हुए थे, जो पिछले संगठन मेेंें पदाधिकारी तो दूर, सक्रिय सदस्य भी नहीं थे।

बीते दो साल में कई नए चेहरे आए पार्टी में

सूबे मे भाजपा की सरकार आने के बाद में पार्टी में कई नए चेहरे नजर आने लगे हैं। इनकी पाटी में एंट्री को मुश्किल से एक से दो वर्ष का समय गुजरा है। इतने कम वक्त में इनमें से कई नेताओं के खास भी बन गए हैं। इनके द्वारा भी दावेदारी की तैयारी थी, लेकिन पार्टी ने इस शर्त को जोड़कर साफ कर दिया है कि संगठन में पार्टी के पुराने सिपाहियों को पहले जगह दी जाएगी।

पुराने नेताओं के चेहरे पर खुशी

पार्टी के इस फैसले से पुराने नेताओं के चेहरों पर खुशी है। धन बल एवं पहुंच न होने के कारण इन्हें नए चेहरों से पिछडऩे का डर था, लेकिन अब इन्हें भरपूर मौका मिलेगा। एक पार्टी कार्यकर्ता कहते हैं यह फैसला पुराने कार्यकर्ताओं के हित में है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.