Indian Railway: कैंट स्टेशन कहेगा अब एलपीजी को बाय, लग रहा बायोगैस प्लांट
Indian Railwayकैंट स्टेशन के बाद आगरा फोर्ट और मथुरा जंक्शन पर लगेगा प्लांट। प्लांट से बनने वाली गैस का स्टेशन की रसोई में होगा इस्तेमाल।
आगरा, जागरण संवाददाता। कैंट और फोर्ट रेलवे स्टेशन पर जल्द आपको एलपीजी गैस का प्रयोग होते नहीं दिखेगा। स्टेशन के स्टॉल हो या रसोई जब जगह बायोगैस का प्रयोग होगा। इसके लिए रेलवे द्वारा स्टेशन से निकलने वाले कूडे़ से गैस बनाने के लिए बायो प्लांट लगाने का का काम चल रह है। कैंट स्टेशन पर प्लांट लगाने के लिए जमीन तलाश ली गई है। जल्द ही यहां पर काम शुरू हो जाएगा।
कैंट रेलवे स्टेशन पर कोरोना संक्रमण से पहले हर दिन 150 ट्रेनें आती थीं। इन ट्रेनों से करीब 40 हजार यात्री सफर करते थे। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर बड़ी मात्रा में कूड़ा निकलता था। इस कूडे़ का प्रयोग बायोगैस बनाने के लिए करने की योजना बनाई। इसके लिए कैंट और फोर्ट स्टेशन पर बायो गैस प्लांट लगाने को हरी झंडी मिल गई है। इस प्लांट में स्टेशन से निकले कूडे़ को गीले और सूखे कूडे़ में अलग-अलग किया जाएगा। गीले कूडे़ को बायोगैस व खाद बनाने के काम में लिया जाएगा। इससे जाे गैस बनेगी उसे स्टेशन पर खाने-पीने की स्टॉल, रसोई और रेलवे कॉलोनी में इस्तेमाल किया जाएगा। रेलवे द्वारा स्टेशन पर एलपीजी सिलेंडर का प्रयोग कम करने की तैयारी है। इससे पहले आइआरसीटीसी हादसों को देखते हुए पहले ही ट्रेनों की पैंट्रीकार में एलपीजी के प्रयोग पर रोक लगा चुका है। ऐसे में अब स्टेशनों पर भी बायोगैस का इस्तेमाल किया जाना है।
कैंट स्टेशन पर तीन माह में पूरा होना है काम
आगरा रेल मंडल के पीआरओ एसके श्रीवास्तव ने बताया कि स्टेशन पर निकलने वाले कूडे़ से बायोगैस बनाने का प्लांट कैंट, फोर्ट और मथुरा जंक्शन अौर लोको पायलट रनिंग रूम पर लगाए जाना है। सबसे पहले इसका काम कैंट रेलवे स्टेशन पर शुरू होगा। यह काम तीन माह में पूरा होना है। कैंट स्टेशन के प्लांट की लागत करीब नौ लाख रुपये है। प्लांट से बायोगैस के साथ खाद भी बनेगी। गैस का प्रयोग स्टेशन की रसोई के लिए किया जाएगा।
लोको रनिंग रूम में लग चुका है प्लांट
आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के लोको पायलट के मैस में रेलवे द्वारा बायोगैस का छोटा प्लांट लगाया गया था। यहां पर रसोई में बचे खाने का इस्तेमाल कर कमहीने में तीन व्यवसायिक सिलेंडर के बराबर गैस बनती है। अब यहां पर भी बड़ा प्लांट लगाया जाना है।