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श्रीकृष्ण से मिल सुदामा के दुखों का हुआ अंत

गौंसिली में भागवत कथा में कृष्ण-सुदामा चरित्र सुन श्रद्धालु भावुक सुदामा से मिलने दौड़ प्रभु सिंहासन पर बैठाकर धोए चरण

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 06:10 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 06:10 AM (IST)
श्रीकृष्ण से मिल सुदामा के दुखों का हुआ अंत
श्रीकृष्ण से मिल सुदामा के दुखों का हुआ अंत

जागरण टीम, आगरा। बाह के गौंसिली गांव में ठाकुर जी मंदिर के सामने चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन बुधवार को कृष्ण-सुदामा मिलन व रुक्मिणी विवाह की कथा सुनी।

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कथा वाचक सुधीर महाराज ने कहा कि जीवन उद्धार के लिए हरि का भजन करना चाहिए। उन्होंने कहा जो अपनी इंद्रियों का दमन कर ले वहीं सुदामा है। सुदामा की मित्रता भगवान कृष्ण के साथ निस्वार्थ थी। उन्होंने भगवान से कभी सुख, साधन और धन दौलत की कामना नहीं की। पत्‍‌नी के कहने पर सुदामा द्वारिका श्रीकृष्ण से मिलने पहुंचे तो द्वारपालों ने उनकी हालत देख उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। जब श्रीकृष्ण तक यह संदेश पहुंचा कि सुदामा उनसे मिलने आए हैं तो प्रभु दौड़ पड़े। श्रीकृष्ण ने सुदामा को अपने सिंहासन पर बैठाकर आंसूओं से उनके चरण धोए। भगवान से मिलने के बाद सुदामा के सारे दुखों का अंत हो गया। कथावाचक ने कहा कि मित्रता हमेशा कृष्ण सुदामा जैसी होनी चाहिए। एक है जो कभी मांगता नहीं है और बिन मांगे ही सब कुछ दे देता है। श्रीमती व जगदीश प्रसाद, छोटेलाल, रामिकशन शुक्ला आदि मौजूद रहे। वहीं कमौनी गांव में आयोजित भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन किया गया। कवि व समाजसेवी राजेंद्र डंडौतियां आदि मौजूद रहे। गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुन श्रद्धालु मंत्रमुग्ध

जागरण टीम, आगरा। एत्मादपुर के गांव गढ़ीरामी के केएस गार्डन में आयोजित भागवत कथा में बुधवार को आचार्य मुकेश चतुर्वेदी ने गोवर्धन व श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुनाई। कथाव्यास ने कहा भगवान ने अपनी हर लीलाओं से संदेश दिया। जिसने प्रभु की लीला समझ ली उसका जीवन सफल है। गोवर्धन पूजन का महत्व बताते हुए गोवर्धन पूजा की गई। इस दौरान झांकी निकाली गई और भजन कीर्तन पर श्रोता झूमते नजर आए। कथा में कमल सिंह, वीर बहादुर सिंह, माधवेंद्र सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, प्रिया सिकरवार, शिक्षा सिकरवार, प्रतिमा सिकरवार, शिवानी, अंजलि तिवारी, निशा, शालू, शकुंतला देवी, रंपी देवी, अन्नू देवी मौजूद रहे।


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