चिलचिलाती गर्मी से राहत के साथ सेहत के लिए भी है वरदान ये देसी कोल्ड ड्रिंक
आयुर्वेदाचार्य डॉ कविता गोयल के अनुसार बाजार में उपलब्ध कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय चने का सत्तू अधिक फायदेमंद होता है।
आगरा, तनु गुप्ता। गर्मी का मौसम आते ही हम खुद को गर्म वातावरण से बचाने के लिए तमाम उपाय करते हैं। जैसे, हम ठंडी जगह पर जाते हैं या फिर ऐसे आहारों को लेते हैं, जो हमारे शरीर को गर्मी से राहत देते हैं।
गर्मी में प्यास ज्यादा लगती है और इसके लिए हम पानी से लेकर जूस, शरबत आदि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। ऐसे में देसी कोल्ड ड्रिंक सत्तू आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। काले चनों से बना सत्तू सबसे ज्यादा शरबत के तौर पर इस्तेमाल होता है। खासकर बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश में रहने वाले परिवार इसका खूब इस्तेमाल करते हैं। सत्तू को और प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें ज्वार और बाजरे का आटा भी मिलाया जाता है।
आयुर्वेदाचार्य डॉ कविता गोयल के अनुसार बाजार में उपलब्ध कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय चने का सत्तू अधिक फायदेमंद होता है। चने के सत्तू में फाइबर्स और कार्बोहाइड्रेट्स की पर्याप्त मात्रा होती है। सत्तू हमारी सेहत के लिए रामबाण होता है। सत्तू हमें कई तरह की बीमारियों से बचाता है।
सत्तू एक सेहत को फायदे अनेक
डायबीटीज में फायदा
चने के सत्तू शरीर में एक्स्ट्रा ग्लूकोज की मात्रा को भी कम करता है। जिसके चलते डायबिटीज के मरीजों के लिए सत्तू बहुत उपयोगी है। इसके अलावा चने के सत्तू का सेवन करने से ब्लड शुगर की मात्रा को कंट्रोल रहती है।
एनीमिया से निजात
हमारे शरीर में आयरन की कमी होने से एनीमिया की समस्या हो जाती है। सत्तू का शर्बत रोज पाने से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। महिलाओं में एनीमिया की समस्या सबसे ज्यादा होती है, इसलिए महिलाओं को सत्तू का सेवन करना चाहिए।
लू से बचाव
गर्मी के दिनों में लू लगने का सबसे बड़ा खतरा रहता है। सत्तू का सेवन करना लू से बचाता है। सत्तू से शरीर में ठंडक पहुंचती है, इसलिए यह लू की चपेट में आने से हमें बचाता है और स्वस्थ रखता है।
पेट को ठंडा रखता
गर्मियों में सत्तू के सेवन करने से लू से बचा जा सकता है। इसमें पेट को ठंडा रखने के साथ ही कई तरह की पेट की बीमारियों को भी दूर करने वाले गुण होते हैं। सत्तू का खाली पेट सेवन करने से शरीर का तापमान कंट्रोल रहता है।
एनर्जी का स्रोत
चने के सत्तू का सेवन करने से हमारे शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देता है। सत्तू में पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा चने के सत्तू में पाई जाने वाली प्रोटीन लिवर के लिए फायदेमंद होती है।
मोटापा कम करता
चने के सत्तू से आसानी से मोटापा कम किया जा सकता है। हम कई बार भूखे रहकर मोटापा कम करने की कोशिश करते हैं। इससे मोटापा तो कम हो जाता है लेकिन इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही अधिक भूख लगने पर सत्तू खाने या फिर इसका शर्बत पीने के बाद लंबे समय तक आपको भूख का एहसास नहीं होगा।
श्रमिकों की पहली पसंद है सत्तू
दिनभर से काम कर रहे मजदूरों के लिए सत्तूसे ज्यादा बेहतर और क्या हो सकता है। जहां एक ओर खाने में स्वाद लाता वहीं दूसरी ओर सत्तू में बहुत ज्यादा प्रोटीन होता है जो स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक है। यह सस्ता भी है और आसानी से मिल भी जाता है।
सत्तू और भूनने का महत्व
सत्तू का आटा भूने हुए चने से तैयार किया जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इससे सत्तू का प्रोटीन खत्म नहीं होता। शरीर को पानी से भी ज्यादा ठंडक पहुंचाता है। यह शरीर को पानी से भी ज्यादा ठंडक पहुंचाता है। साथ ही प्रोटीन भी देता है। इसका फायदा सबसे ज्यादा वर्कआउट के बाद होता है।
सत्तू से बनने वाले व्यंजन
सत्तू शरबत ही नहीं, बल्कि कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी काम आता है। बिहार-पूर्वांचल में सबसे लज़ी़ज़ लिट्टी में भी सत्तू भरा जाता है। सत्तू के पराठे भी ठीक उसी तरह बनते हैं जैसे हम आलू के पराठे बनाते हैं। सत्तू भरी हुई पूड़ियां भी बनती हैं। सत्तू में पहले लहसून, प्याज, हींग, जीरे आदि को मिला दिया जाता है, फिर उसे पूड़ी में भर दिया जाता है। उसके बाद पूड़ी बना दी जाती है।
बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद
सत्तू बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है। अगर सत्तू के बने आटे का स्वाद दुगना करना हो तो गुड़ का इस्तेमाल करें। जैसा हम जानते है सत्तू से शरीर को प्रोटीन, विटामिन ए, कार्बोहाईड्रेट्स, मिनरल मिलता है, इसलिए आटे में भी थोड़ी मात्रा में सत्तू का उपयोग किया जा सकता हैं।
नुकसान भी पहुंचा सकता है सत्तू
रात में सत्तू से बने व्यंजन खाने से परहेज करना चाहिए। जब भी सत्तू का शरबत पिएं तो उसे पतला रखें, ताकि ये आसानी से पच जाए। खाली पेट सत्तू शरीर के लिए सबसे लाभदायक होता है। लोग सत्तू को दूध में मिलाके पीने से भी मना करते हैं।
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