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Matri Vandana Yojna: आधार से लिंक होगा खाता, तभी मिलेगा पीएम मातृ वंदना योजना का लाभ

Matri Vandana Yojna बैंकों के विलय के बाद पीएम मातृ वंदना योजना को लेकर भी कवायद शुरू। पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को पोषण के लिए पहली किस्त के रूप में एक हजार रुपये खाते में उपलब्ध कराए जाते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 04:34 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 04:34 PM (IST)
Matri Vandana Yojna: आधार से लिंक होगा खाता, तभी मिलेगा पीएम मातृ वंदना योजना का लाभ
बैंकों के विलय के बाद पीएम मातृ वंदना योजना को लेकर भी कवायद शुरू

आगरा, जेएनएन। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभ से वंचित गर्भवती महिलाओं को अब नए सिरे से मशक्कत करनी होगी। बैंकों के विलय की वजह से उन्हें अपने बैंक खाते को आधार कार्ड से लिंकअप कराना होगा। प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही प्रोत्साहन धनराशि खातों में पहुंच सकेगी। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से लेकर सुरक्षित प्रसव तक अलग-अलग चरणों में शासन द्वारा राहत पहुंचाए जाने की व्यवस्था है। योजना की मैनपुरी जिला समन्वयक अंजली सिंह का कहना है कि पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को पोषण के लिए पहली किस्त के रूप में एक हजार रुपये खाते में उपलब्ध कराए जाते हैं। ताकि, महिला तीन महीनों तक इस धनराशि से पोषक आहार ले सके। उसके बाद गर्भवती को अपना पंजीकरण विभागीय योजना के तहत कराना होता है। पंजीकरण होने के बाद आशा और एएनएम की टीम द्वारा सभी आवश्यक जांचें कराई जाती हैं। जांचों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सर्वे रिपोर्ट मिलते ही दूसरी किस्त में दो हजार रुपये और सुरक्षित प्रसव और शिशु का पहला टीकाकरण होने के बाद अंतिम दो हजार रुपये की किस्त लाभार्थी महिला के खाते में उपलब्ध कराई जाती है। उनका कहना है कि बैंकों के विलय के बाद काफी दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में सभी लाभार्थी महिलाओं को अपना आधार कार्ड बैंक खातों से दोबारा अपडेट कराना होगा ताकि उन्हें इस सुविधा का लाभ मिल सके।

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आशा बरत रहीं लापरवाही

इस योजना के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता पर है, लेकिन उनके द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। गांवों में योजना को लेकर कोई प्रचार नहीं कराया गया है। खुद स्वास्थ्य विभाग भी मानता है कि लापरवाही की वजह से योजना प्रभावित हो रही है।

सभी गर्भवती महिलाओं से अपील है कि वे स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर अपना पंजीकरण कराएं। इस योजना की जानकारी आशा से लें। कैंपों के माध्यम से भी गांवों में महिलाओं को इस योजना की जानकारी दी जाएगी।

डा. संजीव राव बहादुर, एसीएमओ 


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