भिखारियों का ये फंडा आता है काम, फट से लोग निकाल बैठते हैं जेब से पैसा
भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चलाने के दौरान पता चली पंच लाइन। युवक-युवतियों के लिए तुम्हारी जोड़ी सलामत रहे प्रौढ़ के लिए तुम्हारे बिगड़े काम बन जाएं। चाइल्ड लाइन को काउंसिलिंग में बताया कि अभिभावकों ने सिखाया पंच लाइन का मंत्र।
आगरा, अली अब्बास। आगरा के भिखारी पंच लाइन के मंत्र से लोगों की जेबों से रकम निकलवाने में माहिर हैं। उन्होंने हर उम्र के लिए कुछ पंच लाइन चुन रखी हैं। जिसके बूते वह लोगों की जेबों से रकम निकलवाने में सफल रहते हैं। उनकी इस पंच लाइन की जानकारी रेस्कयू के दौरान मिली। सड़कों पर गंदे कपड़ों में ब्रेफिक्र अंदाज में घूमने वाले बच्चों ने काउंसिलिंग में बताया कि वह किस तरह से लोगाें की जेबों से चंद वाक्यों की मदद से आसानी से रकम निकलवा लेते हैं।
ताजनगरी के पर्यटन स्थल होने के चलते देश-विदेश के पर्यटक यहां पर आते हैं। ऐसे में एमजी रोड, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन, फोर्ट और राजामंडी रेलवे स्टेशन, अंतरराज्यीय बस टर्मिनल समेत अन्य प्रमुख चौराहों पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों से विदेशों में आगरा की छवि खराब होती है। एसएसपी बबलू कुमार ने एक महीने पहले सभी थानों के साथ बैठक करके उन्हें भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। दस दिसंबर से मानव तस्करी निरोधक थाना और चाइल्ड लाइन समेत अन्य सामाजिक संगठन भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चला रहा हैं। अब तक तीन दर्जन बच्चों को रेस्क्यू कर चुके हैं।
इन सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया था। समिति ने बच्चों को उनके अभिभावकों को हिदायत के बाद सौंपा। इन बच्चों की काउंसिलिंग में एक बात समान थी। भीख मांगने के लिए उनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली पंच लाइन। इसके बारे में पूछने पर इन बच्चों का कहना था कि उन्हें अभिभावकों ने सिखाया। यह पंच लाइन सफल भी रहती है। इससे वह प्रतिदिन दो सौ रुपये से ज्यादा कमाते हैं। हालांकि यह बच्चे अब स्कूल जाना चाहते हैं। इससे कि पढ़ लिखकर बेतहर नागरिक बन सकें।
कुछ प्रमुख पंच लाइन
काउंसिलिंग में बच्चों ने कुछ प्रमुख और सर्वाधिक प्रचलित पंच लाइन के बारे में भी जानकारी दी। जैसे
- युवक-युवतियों के लिए: तुम्हारी जोड़ी सलामत रहे
- प्रौढ़ के लिए: तुम्हारे बिगड़े काम बन जाएं
- पचास साल की उम्र वालों के लिए: भूख लगी है, कुछ खाने को दिला दो। इसमें ज्यादातर रोटी-सब्जी मांगी जाती है। आसपास कोई ढाबा न होने से सामने वाला रुपये देने को मजबूर हो जाए।
- बच्चे के लिए दूध दिला दो।