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मार्च खत्म होने से पहले करें ये काम

आगरा: चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 का आखिरी माह मार्च व्यापारियों और अन्य आयकर करदाताओं के लिहाज से ब

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 04:58 PM (IST)Updated: Sun, 11 Mar 2018 04:58 PM (IST)
मार्च खत्म होने से पहले करें ये काम
मार्च खत्म होने से पहले करें ये काम

आगरा: चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 का आखिरी माह मार्च व्यापारियों और अन्य आयकर करदाताओं के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। इस माह के अंत तक कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको करने में यदि भूल हो गयी तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आयकर अधिनियम के तहत इस माह के अंत तक किए जाने वाले कुछ कार्य बेहद जरूरी हैं। इनकी जानकारी लोगों को होनी चाहिए ताकि वो परेशानी में आने से बच सकते हैं।

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देनी पड़ सकती है ब्याज

वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 की आयकर विवरणी दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2018 है। जिसके बाद इस दोनों वर्ष की विवरणी दाखिल नहीं की जा सकेगी। चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में जमा किए जाने वाले अग्रिम कर की चौथी किस्त जमा करने की अंतिम तिथि 15 मार्च है। इस तिथि के बाद यदि अग्रिम कर जमा किया जाता है तो उस पर अतिरिक्त ब्याज देय होगा।

31 मार्च से पहले कर लें ये काम

आयकर अधिनियम के तहत बिना आधार संख्या के आयकर विवरणी दाखिल नहीं की जा सकती है। आयकर विभाग ने पैन एवं आधार संख्या को जोड़ने में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए अभी थोड़ी सहूलियत प्रदान कर रखी है। अभी पैन को आधार से जोडे़ बिना केवल आधार संख्या का उल्लेख करके विवरणी दाखिल की जा सकती है। लेकिन आधार एवं पैन को 31 मार्च से पूर्व जोड़ना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर आयकर विवरणी की प्रोसेसिंग नहीं की जाएगी। यदि कोई रिफंड निकलता है तो वह भी करदाता को प्राप्त नहीं हो पाएगा।

इस धारा का भी रखे ध्यान

इन दिनों आयकर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2010-11 में किए गए वित्तीय लेनदेन के संदर्भ में नोटिस जारी किए जा रहे हैं। यदि नोटिस में मांगी गयी जानकारी प्रदान नहीं की जाती है या दी गई जानकारी संतोषजनक नहीं पायी जाती है तो आयकर अधिनियम की धारा 147 के तहत निर्धारण वर्ष 2011-12 की आयकर विवरणी की स्कूटनी (जांच) की जा सकती है। इस धारा के तहत कार्रवाई करने की अंतिम तिथि भी 31 मार्च 2018 है।

जरा सी चूक पडे़गी भारी

मार्च के अंत तक आयकर दाता यह भी सुनिश्चित कर लें कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए धारा 80 सी के तहत किया जाने वाला निवेश जिसकी कि अधिकतम सीमा 1,50,000 रुपये है। वह पूरा हुआ है या नहीं। इसकी चूक होने के अतिरिक्त आयकर देना पड़ सकता है। इस धारा के अंतर्गत कुछ विकल्प ऐसे हैं जिसमें निवेश किया जा सकता है। वह एलआईसी प्रीमियम, पीपीएफ, टैक्स सेविंग एफडीआर, म्युचुअल फंड (टैक्स सेविंग), सुकन्या समृद्धि योजना आदि हैं।

सीए रोहित दुआ


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