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हिंसा में तहस-नहस हो चुके जवाहर बाग का सुंदरीकरण अब तकनीकी बिड में फंसा

हिंसा में जले पेड़ों को काटने की नहीं मिल पा रही मंजूरी। तकनीकी समिति जल निगम लखनऊ नहीं ले पा रही फैसला।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 12:40 PM (IST)
हिंसा में तहस-नहस हो चुके जवाहर बाग का सुंदरीकरण अब तकनीकी बिड में फंसा
हिंसा में तहस-नहस हो चुके जवाहर बाग का सुंदरीकरण अब तकनीकी बिड में फंसा

आगरा, मनोज चौधरी। तीन साल पहले मथुरा के जवाहरबाग में भड़की हिंसा की आग में पूरा उद्यान जलकर खाक हो गया। बड़े-बड़े पेड़ राख में तब्दील हो गए। इस कांड की गूंज पूरे देश में थी। वर्ष 2016 से 2019 आ गया। इस अवधि में उद्यान को फिर से संवारने के लिए योजनाएं तो बनाई गईं लेकिन कुछ हो नहीं पाया। उद्यान के सुंदरीकरण का कार्य तकनीकी बिड में फंसा हुआ है। जल निगम की सीएनडीएस कार्यदायी संस्था ने इसके टेंडर कर दिए, लेकिन तकनीकी समिति लखनऊ इस पर कोई निर्णय न ले पाई है। इसलिए सुंदरीकरण का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।

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उद्यान विभाग के जवाहरबाग में कथित सत्याग्रही रामवृक्ष और उसके समर्थकों ने डेरा जमा रखा था। इसे खाली कराने के दौरान ही हिंसा भड़की थी। उद्यान के दुबारा से सुंदरीकरण के लिए 15 करोड़ 93 लाख रुपये की योजना मंजूर हुई थी। राजकीय निर्माण विभाग को इसका कार्य सौंपा गया, लेकिन घटिया स्तर का कार्य किए जाने के कारण राजकीय निर्माण विभाग से कार्य छीन कर जल निगम की सीएनडीएस को दे दिया गया। तब तक 370.48 लाख रुपये का कार्य राजकीय निर्माण विभाग ने करा दिया। सीएनडीएस ने दुबारा से इसका एस्टीमेट बनाकर टेंडर खोल दिए। 12 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से बाग का सुंदरीकरण होना है। ई-टेंडर हो गया है। सात ठेकेदारों ने टेंडर डाले थे। इनकी तकनीनी बिड पर लखनऊ की तकनीकी समिति को निर्णय लेना है। सीएनडीएस के अधिशासी अभियंता छत्तर ङ्क्षसह ने बताया कि तकनीकी बिड पर फैसला होते ही सुंदरीकरण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

ये होने हैं कार्य

  • एंट्री और सेंटर प्लाजा
  • जॉगिंग ट्रेक
  • नर्सरी
  • खुला मंच
  • टॉयलेट
  • सड़क और पार्क का विकास 

हिंसा में हो गया था तहस-नहस

कथित सत्याग्रही रामवृक्ष ने जवाहरबाग पर कब्जा कर लिया था। करीब दो साल तक काबिज रहे रामवृक्ष ने कई बड़े पेड़ काट दिए थे। ट््यूबवेल और झोंपड़ी तोड़ दी थी। नालियों को उखाड़ कर पक्के निर्माण करा दिए। खाली कराते समय रामवृक्ष के अनुयायियों ने बाग में आग लगा दी थी। करीब दो सौ पेड़ जल गए थे। इनको काट कर नए पेड़ लगाए जाने हैं। जिला उद्यान अधिकारी जगदीश प्रसाद ने बताया कि एनजीटी ने जले हुए पेड़ों को कलम कर उनको हरा-भरा करने के लिए कहा है। इस मामले को लेकर मामला अभी एनजीटी में विचाराधीन है।


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