BSA in Agra: आगरा में सुरक्षा में सेंध बचाने को हुईं BSA Office की खिड़कियां सील, इस वजह से हो रही कवायद
बेसिक शिक्षा विभाग डायट परिसर कार्यालय का मामला। पिछले साल दशहरा पर लगी आग की गुत्थी में उलझे विभाग ने वर्तमान में चल रही 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को सुरक्षित करने के लिए पूरे कार्यालय की खिड़कियों को लोहे की टीन लगाकर सील कर दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। दूध का जला, छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है। कहावत भले पुरानी है, लेकिन बेसिक शिक्षा कार्यालय में आज भी चरितार्थ होती नजर आ रही है। पिछले साल दशहरा पर लगी आग की गुत्थी में उलझे विभाग ने वर्तमान में चल रही 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को सुरक्षित करने के लिए पूरे कार्यालय की खिड़कियों को लोहे की टीन लगाकर सील कर दिया है।
कार्यालय में घुसते ही लोगों की नजर जब बेसिक शिक्षा कार्यालय की खिड़कियों में लगी लोहे की चादर पर जाती है, तो वह थोड़ा ठिठक सा जाते हैं। उनका अगला सवाल होता है कि यहां ऐसा क्या कीमती रखा है, जो बैंक से भी ज्यादा सुरक्षा बरती जा रही है। दरअसल विभाग ने पिछले साल दशहरा पर प्रमाण पत्रों वाले कमरे में लगी आग के बाद दो कमरों को सील करने से साथ उनकी खिड़कियों को भी लोहे की चादर लगवाकर पूरी तरह बंद कर दिया है। पिछले दिन संबंधित पटल देख रहे बाबू की अलमारी तोड़ने की कोशिश होने की चर्चा उड़ी। स्थिति देखी तो पता बताया गया कि खिड़की में लोहे की राड डालकर अलमारी तोड़ने की कोशिश हुई है। इसके बाद बेसिक शिक्षाधिकारी राजीव कुमार यादव ने आनन-फानन में कार्यालय की सुरक्षा के मद्देनजर कार्यालय की सारी खिड़कियों को लोहे की चादर लगवाकर बंद कर दिया है।
यहीं रखे हैं वर्तमान भर्ती के प्रमाण पत्र
बेसिक शिक्षा परिषद की 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 31277 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 595 अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है, उस सभी के प्रमाण पत्र भी इसी कार्यालय में रखे हैं, लिहाजा उनके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो, या उन्हें नुकसान न पहुंचाया जाए और दोबारा विभाग के माथे पर ऐसा कलंक न लगे, इसलिए बी बीएसए ने यह कदम उठाया है।
नहीं सुलझी आग की पुरानी गुत्थी
पिछले साल आठ अक्टूबर को दशहरा की रात बेसिक शिक्षा विभाग में प्रमाण पत्रों वाले कमरे में लगी आग का रहस्य अब भी बरकरार है। स्थिति यह है कि मामले की जांच एसटीएफ कर रही है, लेकिन मामला साल भर बाद भी अब तक बेसुराग है। हालांकि मामले में विभागीय संलिप्तता की बात लगातार सामने आ रही है।
विद्युतापूर्ति गुल होते ही छा जाता है अंधेरा
कार्यालय की खिड़कियां बंद होने से अब स्थिति यह हो गई है कि विद्युतापूर्ति गुल होते ही पूरे कार्यालय में अंधेरा छा जाता है क्योंकि खिड़कियों के अलावा वेंटिलेशन और रोशनी आने के लिए दूसरा कोई रास्त नहीं। लिहाजा ऐसी स्थिति से कर्मचारी भी परेशान हो गए हैं लेकिन उनका कहना है कि घटना हुई या नहीं, यह तो नहीं पता, लेकिन इसका नुकसान उन्हें झेलना पड़ रहा है।