Akshay Tritiya 2021: सुनहरे श्रृंगार में चरण दर्शन दिए बांकेबिहारी ने, भक्तों की एंट्री रही बंद
Akshay Tritiya 2021 कोरोना काल में जारी कर्फ्यू के कारण मंदिर में भक्तों की एंट्री बंद है। लेकिन सेवायतों ने मंदिर में उत्सव परंपरागत तरीके से मनाया। सुबह ठाकुरजी ने सुनहरे श्रृंगार में चरण दर्शन दिए तो शाम को चंदन लेपन कर सर्वांग दर्शन दिए।
आगरा, जेएनएन। स्वर्ण-रजत श्रृंगार और हीरे-जवाहरात के हार, केसरिया वस्त्रों में ठा. बांकेबिहारी के चरणों के दर्शन की ये झांकी बरबस ही आकर्षित करने वाली थी। लेकिन कोरोनाकाल में हालात ये कि आराध्य की इस मनमोहक छवि का दीदार करने के लिए लाखों भक्तों को अनुमति तक नहीं मिली। कोरोना काल में जारी कर्फ्यू के कारण मंदिर में भक्तों की एंट्री बंद है। लेकिन सेवायतों ने मंदिर में उत्सव परंपरागत तरीके से मनाया। सुबह ठाकुरजी ने सुनहरे श्रृंगार में चरण दर्शन दिए तो शाम को चंदन लेपन कर सर्वांग दर्शन दिए।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में अक्षय तृतीया पर शुक्रवार को ठा. बांकेबिहारी ने चरण दर्शन दिए। मंदिर की परंपरा है कि अक्षय तृतीया के दिन ही साल में एकबार ठाकुरजी अपने भक्तों को चरण दर्शन देते हैं, तो सेवायत आराध्य के चरणों में सवा किलो चंदन का गोला अर्पित करते हैं और भोग में सत्तू व शरबत विशेष तौर पर अर्पित करते हैं। मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी के चरण दर्शन की परंपरा स्वामी हरिदास ने शुरू की थी। इसके पीछे कारण था कि अक्षय तृतीया के दिन ही बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं और ब्रज में साधना करने वाले संतों की परंपरा है कि वे ब्रज छोड़कर आजीवन कहीं बाहर नहीं जाते। साधकों की इस भावना को ही ख्याल में रखते हुए स्वामी हरिदास ने अक्षय तृतीया के दिन ठाकुरजी का सुनहरा श्रृंगार किया और साधकों को चरण दर्शन करवाए। स्वामी हरिदास ने साधकों से कहा जो पुण्य बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने से मिलता है, जो भी साधक और भक्त आराध्य बांकेबिहारी के चरण दर्शन करेगा, उसे बद्रीनाथ धाम के दर्शन का पुण्य मिलेगा। तभी से मंदिर में अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी के चरण दर्शन की परंपरा पड़ गई। शाम को भी ठाकुरजी के चंदन लेपन में सर्वांग दर्शन हुए।