Bank Strick: चार दिन बाद खुले बैंक, उमड़ी लोगों की भीड़, जानिए हड़ताल ने कितना करवाया नुकसान
Bank Strick नकदी जमा कराने नेफ्ट और आरटीजीएस कराने वालों की लाइन लग गई। बैंक बंदी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। हड़ताल के चलते दो दिन में 400 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ था।
आगरा, जागरण संवाददाता। दो दिन के अवकाश और दो दिन की हड़ताल के चलते चार दिन बाद बुधवार बैंकों के ताले खुले। सुबह से बैंकों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई जगह बैंक खुलने से पहले ही लोग पहुंच गए।
बैंकों के निजीकरण के विरोध में यूनाइेड फोरम आफ बैंक यूनियन और आल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक आफिसर्स फेडरेशन की दो दिवसीय हड़ताल और इससे पहले दो दिन के अवकाश के चलते सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक लगातार चार दिन बंद रहीं। बुधवार सुबह बैंक खुलते ही लोगों का आना शुरू हो गया। नकदी जमा कराने, नेफ्ट और आरटीजीएस कराने वालों की लाइन लग गई। बैंक बंदी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। हड़ताल के चलते दो दिन में 400 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ था। सरकारी काम भी प्रभावित हुआ था।
एटीएम भी हुए शुरू
चार दिन की बंद में सार्वजनिक बैंक के 400 से ज्यादा एटीएम में कैश खत्म हो गया था। लोगों को रुपये निकालने के लिए परेशान होना पड़ा था। एक एटीएम से दूसरे एटीएम के चक्कर लगाने पडे़। बुधवार को बैंक खुलने के बाद एटीएम में कैश डाला गया।
जारी रहेगा आंदोलन
निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियनों ने दो दिन धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताया। संजय प्लेस में यूनिटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के बैनर तले बैंक कर्मचारियाें ने एलआइसी परिसर में धरना दिया। उप्र बैंक इंप्लाइज यूनियन के संयुक्त मंत्री शैलेंद्र झा ने कहा कि दो दिन की हड़ताल तो संकेत है। अगर सरकार का यही हठधर्मी रवैया रहा तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।हड़ताल में एमएम राय, पुनीत सक्सेना, वकील अली, सुरेश बाबू, मनीष शर्मा, तान्या अग्रवाल, अनवरी बेगम, एमके चावला, पंकज शर्मा आदि उपस्थित रहे। वहीं आल इंडिया नेशनलाइज्ड बैंक आफिसर्स फेडरेशन ने केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। बैंक अधिकारी और कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहाकि दो दिन की हड़ताल के बाद अब हमें काम के साथ अपना विरोध जारी रखना होगा। बैंककर्मियों को हर ग्राहक को निजीकरण से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताना होगा। उन्हें समझाना होगा कि बैंककर्मियों के साथ यह आम जनता की भी लड़ाई है। धरने में अंकित सहगल, सागर गुजराती, श्रवण कुशवाहा, सौरभ शर्मा, इरा सक्सेना, मोनिका आजाद आदि उपस्थित रहे।