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बेबी रानी मौर्य को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा, अब पार्टी का करने काम जुटेंगी

उत्‍तराखंड का राज्‍यपाल रहते हुए मिलती थी जेड श्रेणी की सुरक्षा। बेबीरानी मौर्य को वाई श्रेणी की सुरक्षा की मिली स्वीकृति। भाजपा ने बनाया है राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष। उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुहैया कराई गई सुरक्षा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 05:01 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 05:01 PM (IST)
बेबी रानी मौर्य को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा, अब पार्टी का करने काम जुटेंगी
बेबी रानी मौर्य को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्‍ध कराई गई है।

आगरा, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबीरानी मौर्य को वाई श्रेणी की सुरक्षा स्वीकृत हो गई है। राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद उनको सिर्फ चार सुरक्षा गार्ड मिले हुए थे, लेकिन अब पूरा लाव लश्कर मिलेगा। बेबीरानी मौर्य को पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले अनुसूचित वर्ग में पार्टी का संदेश पहुंचाने और सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए चुना है। ऐसे में जब वे समाज विशेष के बीच में जाएंगी तो ताम-झाम के साथ पूर्व राज्यपाल की सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है।

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विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा दूसरे दलों के वोटरों में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पार्टी जातिगत समीकरण को साध रही है तो समाज विशेष के नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंप उनके बीच उतारने की तैयारी कर चुकी है। इसकी लिए पार्टी की पूरी योजना तैयार है, जिसका क्रियान्वयन होना बाकी रह गया है। बेबीरानी मौर्य के ही विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दर्जनों दौरे एवं सभा करानी की तैयारी है। दौरों के लिए उन स्थानों को चुना जा रहा है, जो अनुसूचित जाति बाहुल्य है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में बेबीरानी मौर्य अगर अकेले जाकर खड़ी हो जाएंगी तो समाज को ये समझने में मुश्किल होगी कि उनको पार्टी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए दूसरी पंक्ति के पद से नवाजा है। इसलिए उनकी सुरक्षा को भी वाई श्रेणी का कर दिया गया है। वहीं राज्यपाल रहते हुए उनके पास जेड श्रेणी की सुरक्षा थी। बेबीरानी मौर्य ने बताया कि वाई श्रेणी की सुरक्षा की स्वीकृति का पत्र मिला है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार है। पार्टी का कार्य करना है और समाज के लोगों के बीच जाना है। उनको संगठन और सरकार के कार्यो को बताना है तो उनके उत्थान के लिए जो प्रयास किए जा सकते हैं, उनको अमली जामा पहनाना है।


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